New Delhi: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पार्टी के नेता राहुल गांधी द्वारा हाल ही में उठाए गए ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग से इस पर त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई की मांग की है। थरूर ने लंबे समय बाद कांग्रेस नेतृत्व के किसी रुख का इतना खुलकर समर्थन किया है। जिससे राजनीतिक हलकों में इस बयान की अहमियत और बढ़ गई है।
दरअसल, राहुल गांधी ने दावा किया था कि कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोटों की चोरी की गई। जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यह सीट 32,707 मतों के अंतर से जीती थी। राहुल गांधी के इस बयान ने देश की चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर बहस को एक बार फिर हवा दे दी है।
These are serious questions which must be seriously addressed in the interests of all parties & all voters. Our democracy is too precious to allow its credibility to be destroyed by incompetence, carelessness or worse, deliberate tampering. @ECISVEEP must urgently act &… https://t.co/RvKd4mSkae
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 8, 2025
शशि थरूर ने कांग्रेस के एक आधिकारिक पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “ये गंभीर प्रश्न हैं, जिनका सभी दलों और मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को लापरवाही या जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता।”
“चुनाव आयोग को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए”
थरूर ने आगे लिखा कि चुनाव आयोग को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और अपने प्रवक्ताओं के माध्यम से जनता को स्थिति की जानकारी भी देते रहना चाहिए। थरूर का यह बयान उस समय आया है जब वे पार्टी नेतृत्व से कई मुद्दों पर असहमत देखे गए हैं। ऐसे में उनका यह रुख पार्टी के अंदर एकजुटता का संकेत भी माना जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तीखी प्रतिक्रिया
हालांकि, राहुल गांधी के आरोपों को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह आरोप पूरी तरह से “बेबुनियाद और अतार्किक” है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है और समाज के एक विशेष वर्ग को खुश करने की कोशिश में इस प्रकार के बयान दिए जा रहे हैं। प्रह्लाद जोशी ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया यानी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पहले भी कई बार हो चुकी है और यह कोई नई या संदिग्ध प्रक्रिया नहीं है।
सरकार इसे केवल राजनीतिक प्रोपेगेंडा बता रही
इसी मुद्दे पर JDU सांसद संजय कुमार झा ने भी विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि, “विपक्ष संसद में शोर कर रहा है, लेकिन क्या बिहार में कोई विरोध हो रहा है? SIR बिहार में हो रहा है और वहां इसे लेकर कोई मुद्दा नहीं है। बल्कि पुरानी गड़बड़ियों को दुरुस्त किया जा रहा है।” इस पूरे मामले ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ा दी है। एक ओर जहां विपक्षी दल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं सरकार इसे केवल राजनीतिक प्रोपेगेंडा बता रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस विवादास्पद मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और क्या वह किसी जांच या सफाई के साथ सामने आता है या नहीं।