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एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) भारत में आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने वाली प्रमुख एजेंसी है। यह राज्य स्तरीय सुरक्षा बल होता है, जो सामान्य पुलिस से अलग खुफिया जानकारी इकट्ठा करना, संदिग्धों की निगरानी और आतंकवादी साजिशों को रोकने का काम करता है। हाल ही में गुजरात एटीएस ने संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
ATS क्या है कैसे काम करता है।
New Delhi: गुजरात एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड) ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और तीन संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद आतंकियों के पास से हथियार, कारतूस और अन्य संदिग्ध वस्तुएं बरामद की है। इस घटना ने एक बार लोगों के बीच एटीएस की भूमिका और उसकी कार्यप्रणाली पर भरोसा जताया है।
एंटी-टेररिज्म स्क्वाड ( Image: Internet)
एंटी-टेररिज्म स्क्वाड, जिसे संक्षेप में ATS कहा जाता है, भारत के विभिन्न राज्यों में आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के लिए गठित एक विशेष टीम हैं। हर एक राज्य की सरकार की देखरेख में कार्य करने वाली यह स्क्वाड, स्थानीय पुलिस का हिस्सा होते हुए भी आतंकवाद के मामलों में विशेष अधिकार रखती है। ATS का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी साजिशों की रोकथाम, खुफिया जानकारी इकट्ठा करना और संदिग्ध आतंकियों पर निगरानी रखना है।
सामान्य पुलिस आमतौर पर किसी अपराध की जांच करना, कानून व्यवस्था बनाए रखने और रोजाना होने वाले अपराधों से निपटने का काम करती है। इससे अलग, ATS विशेष रूप से आतंकवाद और गंभीर अपराध जैसे मामलों में काम करती है। एटीएस को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, संदिग्धों की निगरानी करने और संभावित खतरे का मूल्यांकन करने की विशेष शक्तियां प्राप्त हैं। इसके अलावा ATS को छापेमारी, गिरफ्तारी और आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम के लिए राज्य और राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अनुमति है।
ATS और सामान्य पुलिस में अंतर (Image: Internet)
एटीएस की कार्यप्रणाली में तीन मुख्य भाग हैं। खुफिया इकट्ठा करना, जांच और कार्रवाई। सबसे पहले, यह एजेंसी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखती है और गुप्त रूप से जानकारी जुटाती है। इसके बाद सूचनाओं के आधार पर संदिग्धों की पहचान की जाती है और उनकी गतिविधियों की जांच की जाती है। अंतिम चरण में अगर पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो गिरफ्तारियां और छापेमारी की जाती हैं। एटीएस का एक और अहम पहलू भी है जो राज्य और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में रहती है ताकि आतंकवाद की व्यापक साजिश को रोका जा सके।
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हाल ही में गुजरात ATS ने अहमदाबाद और सूरत में एक संयुक्त अभियान के दौरान संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से हथियार, कारतूस और डिजिटल उपकरण जैसे लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। ATS की टीम ने बताया कि यह कार्रवाई राज्य और देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की कार्रवाई से न केवल संभावित हमलों को रोका जा सकता है, बल्कि आतंकवाद के नेटवर्क को भी कमजोर किया जा सकता है।
कई सफल कार्यों के बाद से जनता में ATS के प्रति विश्वास बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन संगठनों के बनने से आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कदम साबित होती है। हालांकि, इन अभियानों में संवेदनशीलता और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना भी उतना ही आवश्यक है।