Lucknow: उत्तर प्रदेश के पूर्व बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह का एक बयान अब प्रदेश की सियासत में तूफान मचाए हुए है। राघवेंद्र सिंह ने हाल ही में मुस्लिम लड़कियों को लाने और नौकरी देने की बात की, जिस पर विवाद खड़ा हो गया। इस बयान को लेकर बीजेपी के विरोधी दलों ने भाजपा पर हिन्दू-मुसलमान के बीच खाई बनाने का आरोप लगाया है।
राघवेंद्र प्रताप सिंह का विवादित बयान
राघवेंद्र प्रताप सिंह का यह बयान उनकी पार्टी बीजेपी के लिए नया विवाद लेकर आया है। उनके बयान को लेकर विपक्षी दलों ने यह आरोप लगाया है कि बीजेपी हमेशा हिन्दू-मुसलमान के बीच राजनीति करती है और इस तरह के बयान से समाज में और अधिक खाई बनती है। बावजूद इसके, राघवेंद्र सिंह अपने बयान पर अडिग हैं और उन्होंने इसे गलत नहीं माना है।
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बीजेपी और विपक्ष के बीच घमासान
राघवेंद्र के बयान पर सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आईं हैं। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर बीजेपी को घेरा है। उनका कहना है कि यह बयान न सिर्फ समाज को बांटने वाला है, बल्कि संविधान और भारतीय संस्कृति के खिलाफ भी है। विरोधी नेताओं का कहना है कि भाजपा ऐसे बयान देकर समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही है।
राघवेंद्र की बीजेपी में स्थिति और करीबी रिश्ते
राघवेंद्र सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। जब योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के नेता थे, तब राघवेंद्र भी इस संगठन में सक्रिय रहे थे। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस संगठन को भंग कर दिया गया। राघवेंद्र की पार्टी में स्थिति और उनके विवादित बयानों को लेकर अब सियासत में नई परतें सामने आ रही हैं।
करोड़ों में है राघवेंद्र की संपत्ति
राघवेंद्र प्रताप सिंह ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में अपनी संपत्ति का खुलासा किया था। 2022 में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके पास 12 करोड़ 46 लाख रुपये की संपत्ति है, जिसमें 46 लाख की गाड़ी और 32 लाख रुपये का सोना व चांदी शामिल है। इसके अलावा, राघवेंद्र के पास 4 करोड़ रुपये की कृषि और गैर कृषि योग्य भूमि भी है।
सियासी विवादों में रह चुके हैं राघवेंद्र
राघवेंद्र सिंह का नाम अक्सर सियासी विवादों में आता रहा है। पहले भी उनकी संपत्ति और अन्य मामलों को लेकर विवाद उठ चुका है। 2022 के हलफनामे में यह भी जानकारी दी गई थी कि उनके खिलाफ एक मामला दर्ज है। इसके बावजूद, उनका राजनीतिक करियर लगातार आगे बढ़ रहा है और उनकी पार्टी में मजबूत पकड़ बनी हुई है।

