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UP-Uk Flood: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश-बाढ़ से तबाही, नदियों के उफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। प्रयागराज, वाराणसी, उन्नाव, मथुरा समेत यूपी के कई जिलों में नदियां खतरे के निशान के पास बह रही हैं, वहीं उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन से गांव तबाह हो गए हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है।
Post Published By: Sapna Srivastava
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UP-Uk Flood: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश-बाढ़ से तबाही, नदियों के उफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त

Uttar Pardesh/Uttarakhand: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। नदियों के बढ़ते जलस्तर, बाँधों से छोड़े गए पानी और लगातार बारिश के कारण दोनों राज्यों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कई शहर और गाँव पानी में डूब गए हैं, सड़कें टूट गई हैं और खेत-खलिहान तबाह हो गए हैं। स्थिति गंभीर होते देख प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और राहत एवं बचाव कार्य तेज़ कर दिए हैं।

उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर

प्रयागराज, वाराणसी, उन्नाव, मथुरा, बदायूं, सीतापुर और फर्रुखाबाद समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रयागराज में गंगा और यमुना का पानी चौथी बार खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है। संगम क्षेत्र के कई घाट जलमग्न हो गए हैं और बड़े हनुमान मंदिर में भी पानी घुस गया है। अंतिम संस्कार में भी दिक्कत आ रही है, जिसके चलते लोग सड़कों पर चिताएँ जलाने को मजबूर हैं।

वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया है। दशाश्वमेध, अस्सी, मणिकर्णिका और अन्य प्रमुख घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। नाविकों की आजीविका खतरे में है और गंगा आरती भी सीमित लोगों की उपस्थिति में हो रही है।

फर्रुखाबाद ज़िले के 160 गाँव बाढ़ की चपेट में हैं। यहाँ चार ब्लॉकों के 229 स्कूल बंद कर दिए गए हैं, जिससे लगभग 10 हज़ार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। उन्नाव में गंगा का जलस्तर कम होने लगा है, लेकिन बाढ़ कम होने के बाद जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

उत्तराखंड में बादल फटना और भूस्खलन

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियाँ उफान पर हैं। कई गाँवों का संपर्क टूट गया है और घर बह गए हैं। हनुमान मंदिर जलमग्न हो गया है, जबकि लावारा गाँव में मोटर पुल नदी की भेंट चढ़ गया है। बसुकेदार क्षेत्र में बादल फटने से खेत और घर तबाह हो गए हैं। छह लोग लापता बताए जा रहे हैं।

चमोली ज़िले में कई जगहों पर बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। कालेश्वर में पहाड़ से मलबा घरों में घुस गया है। देवाल तहसील के मोपाटा गाँव में बादल फटने से दो लोग लापता हैं और दो घायल हैं।

टिहरी में भी बूढ़ा केदार और गेंवाली क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। कई छानियाँ और मंदिर मलबे में दब गए हैं। भिलंगना और बालगंगा नदियाँ उफान पर हैं। वहीं उत्तरकाशी और बागेश्वर में भारी बारिश के कारण राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं।

प्रशासन अलर्ट पर

दोनों राज्यों में प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही हैं। उत्तराखंड के श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर के करीब पहुँच गया है। धारी देवी मंदिर परिसर के पास भी पानी पहुँच गया है। प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने और पूरी सावधानी बरतने की अपील की है।

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