Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष के पास संख्या बल तो कम है, फिर भी विपक्ष ने अपना उम्मीदवार क्यों खड़ा किया, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश में ऐसा माहौल बन गया है जिसमें सत्तापक्ष विपक्ष को उचित सम्मान नहीं देता। उन्होंने बताया कि राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष और उसके नेताओं के साथ जो व्यवहार हुआ है, वह लोकतंत्र की भावना के बिल्कुल विपरीत है।
गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का सम्मान होना बहुत जरूरी है, क्योंकि विपक्ष ही सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करता है और स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती देता है। लेकिन वर्तमान में विपक्ष के प्रति जो रवैया अपनाया गया, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सत्तापक्ष विपक्ष को ही नहीं समझता। इसी कारण विपक्ष के लिए अपना उम्मीदवार मैदान में उतारना एक मजबूरी और ज़रूरी कदम था, ताकि लोकतंत्र की गरिमा और विपक्ष की भूमिका को बनाए रखा जा सके।
उनका मानना है कि यह फैसला लोकतंत्र के हित में लिया गया है और यह संकेत देता है कि विपक्ष अपनी भूमिका से पीछे हटने वाला नहीं है, बल्कि वह सक्रिय रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करता रहेगा।
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