New Delhi: 16 अक्टूबर को डाइनामाइट न्यूज़ ने अपनी स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘Young India Country Award 2025’ का आयोजन किया। यह समारोह नई दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित किया गया, जिसमें देश की कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर समाजसेवी रूमा देवी को सम्मानित किया गया। उन्हें एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और कौशल विकास के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए दिया गया।
कार्यक्रम में भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश राजेश बिंदल और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह सहित कई अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
कौन हैं रूमा देवी? जिन्हें Young India Country Awards से नवाज़ा गया
समारोह में रूमा देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं का है जो जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानतीं और लगातार आगे बढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें और उनके साथ काम करने वाली सभी बहनों को और मेहनत करने की प्रेरणा देगा।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा कि यह पल उनके लिए गर्व का विषय है और इस सम्मान को वह अपने समुदाय की सभी महिलाओं के साथ साझा करती हैं। उन्होंने बताया कि इस समारोह में उनके साथ मनु भाकर और दिव्या देशमुख भी उपस्थित रहीं।
रूमा देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। राजस्थान के बाड़मेर जिले के रावतसर गांव में जन्मीं रूमा देवी ने आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की। बचपन में उन्होंने अपनी दादी से कढ़ाई का काम सीखा। 17 साल की उम्र में शादी हो गई और कुछ ही समय बाद उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन चिकित्सा सुविधाओं की कमी और आर्थिक तंगी के कारण बेटे की मृत्यु हो गई।
इस गहरे दुख के बाद भी रूमा देवी ने हार नहीं मानी। उन्होंने सिलाई-कढ़ाई के अपने कौशल को माध्यम बनाकर अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करना शुरू किया। आज उनके साथ हजारों महिलाएं जुड़ी हैं जो आत्मनिर्भर बन रही हैं और समाज में अपनी जगह बना रही हैं।
रूमा देवी का मानना है कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं तो समाज में बदलाव की एक मजबूत लहर उत्पन्न होती है। उनका उद्देश्य है कि हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो और आत्मसम्मान के साथ जीवन व्यतीत कर सके।
समारोह में उपस्थित अन्य अतिथियों ने भी रूमा देवी के योगदान की सराहना की और उन्हें आगे की सफलताओं के लिए शुभकामनाएं दीं।