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Independence Day 2025: लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र को संबोधन, इन मुद्दों का किया जिक्र

लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी और ‘नया भारत’ के निर्माण की दिशा में आत्मनिर्भरता को सबसे बड़ा हथियार बताया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत अब न्यूक्लियर धमकियों से डरने वाला नहीं है।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Independence Day 2025: लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र को संबोधन, इन मुद्दों का किया जिक्र

New Delhi: आज भारत ने गर्व से 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया और लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया।उन्होंने इसे 140 करोड़ देशवासियों की सामूहिक भावना का उत्सव बताया और कहा कि तिरंगा आज हर घर में गर्व से लहरा रहा है, हिमालय से लेकर रेगिस्तान, समुद्र तट से घनी बस्तियों तक।

नारी शक्ति को लेकर की चर्चा

पीएम मोदी ने अपने भाषण में नारी शक्ति के योगदान का भी जिक्र किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को सम्मान देते हुए कहा कि आज भारत का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब हमारी बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी। उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि धारा 370 को हटाकर “एक देश, एक संविधान” का सपना साकार किया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर क्या बोले?

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों ने निर्दोषों को धर्म पूछकर मारा, बच्चों के सामने पिता को और पत्नियों के सामने पतियों को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश को झकझोर देने वाला कृत्य था और भारत ने इसका करारा जवाब दिया। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” को भारत के आक्रोश की अभिव्यक्ति बताते हुए कहा कि 22 अप्रैल के बाद सेना को पूर्ण स्वतंत्रता दी गई। परिणामस्वरूप, भारतीय सेना ने सीमापार जाकर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तान में अब भी खलबली मची हुई है और भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंक के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

न्यूक्लियर धमकी पर दो टूक

पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर द्वारा दी गई न्यूक्लियर हमले की धमकी का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत अब ब्लैकमेल की राजनीति सहन नहीं करेगा और जवाब सेना की शर्तों पर दिया जाएगा। “अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा,”  यह कहते हुए पीएम मोदी ने सिंधु जल संधि को अन्यायपूर्ण और एकतरफा बताया। उन्होंने कहा कि भारत से निकली नदियों का जल शत्रु देशों के खेतों को सींच रहा है, जबकि भारत की धरती प्यास से तड़पती है, यह स्वीकार्य नहीं है।

आत्मनिर्भर भारत ही विकसित भारत का आधार

प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भरता को स्वतंत्रता की सबसे बड़ी कसौटी बताया। उन्होंने कहा कि भारत के किसान, जिन्होंने गुलामी के दौर में भी मेहनत से अन्न उपजाया, आज देश को अन्न में आत्मनिर्भर बना चुके हैं। उन्होंने कहा,“जो जितना दूसरों पर निर्भर रहेगा, उसके लिए गुलामी का डर उतना ही बना रहेगा।” उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उपयोग किए गए सारे हथियार मेड इन इंडिया थे, जो भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता का प्रमाण हैं। अगर भारत आत्मनिर्भर न होता, तो यह ऑपरेशन संभव नहीं होता।

प्राकृतिक आपदाओं पर जताया दुख

देश में हालिया भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं पर प्रधानमंत्री ने दुख जताया और कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें राहत और बचाव कार्य में पूरी क्षमता से लगी हुई हैं। उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की और राहत कार्यों में तेजी लाने का भरोसा दिया।

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