Site icon Hindi Dynamite News

SSC परीक्षा में हुई लापरवाही से छात्रों का भविष्य खतरे में, Eduquity पर गंभीर आरोप; अब क्या करेगी सरकार?

एडुक्विटी पहले से ही बड़े घोटाले से जुड़ी हुई है, जिसमें रिश्वतखोरी, प्रतिरूपण और फर्जी उम्मीदवारों के परीक्षा में बैठने के गंभीर आरोप सामने आए थे। इसके बावजूद, SSC ने एडुक्विटी को संयुक्त स्नातक स्तर (सीजीएल) जैसी प्रमुख परीक्षा आयोजित करने की ज़िम्मेदारी दी है, जिसमें 30 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल होते हैं।
Post Published By: Sona Saini
Published:
SSC परीक्षा में हुई लापरवाही से छात्रों का भविष्य खतरे में, Eduquity पर गंभीर आरोप; अब क्या करेगी सरकार?

नई दिल्ली: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने सेलेक्शन पोस्ट फेज 13 परीक्षा को 24 जुलाई से 1 अगस्त के बीच आयोजित किया था लेकिन इस परीक्षा के दौरान कई तकनीकी गड़बड़ियां और प्रशासनिक लापरवाही सामने आईं। इन समस्याओं की वजह से छात्रों ने दिल्ली के जंतर-मंतर और CGO कॉम्प्लेक्स में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया।

छात्रों का आरोप है कि परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी एडुक्विटी ने लापरवाही बरती, जिससे लाखों उम्मीदवारों का भविष्य खतरे में पड़ गया।

एडुक्विटी कंपनी पर विवाद क्यों है?

एडुक्विटी पहले से ही बड़े घोटाले से जुड़ी हुई है, जिसमें रिश्वतखोरी, प्रतिरूपण और फर्जी उम्मीदवारों के परीक्षा में बैठने के गंभीर आरोप सामने आए थे। इसके बावजूद, SSC ने एडुक्विटी को संयुक्त स्नातक स्तर (सीजीएल) जैसी प्रमुख परीक्षा आयोजित करने की ज़िम्मेदारी दी है, जिसमें 30 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल होते हैं।

छात्रों का कहना है कि एक विवादास्पद कंपनी को इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी देना सरकारी भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।

SSC क्या है और इसका महत्व क्या है?

SSC (कर्मचारी चयन आयोग) एक केंद्रीय भर्ती संस्था है, जो आयकर विभाग, जीएसटी विभाग, केंद्रीय सचिवालय (एएसओ), रक्षा मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों में भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करती है।

यह संस्था लाखों युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का एक प्रमुख माध्यम है, इसलिए इसकी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बेहद ज़रूरी है।

परीक्षा में क्या गड़बड़ियां हुईं?

परीक्षा का अचानक रद्द होना: कई केंद्रों पर परीक्षा बीच में ही रद्द कर दी गई।

सॉफ्टवेयर क्रैश: कंप्यूटर आधारित परीक्षा के दौरान सॉफ्टवेयर में गड़बड़ियां हुईं, जिससे छात्रों को परेशानी हुई।

बायोमेट्रिक सत्यापन में विफलता: कई छात्रों का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो पाया, जिससे वे परीक्षा नहीं दे पाए।

गलत परीक्षा केंद्र आवंटन: कुछ छात्रों को उनके चुने हुए शहर के बजाय दूरस्थ स्थानों पर केंद्र दिए गए।

छात्रों की क्या मांगें हैं?

प्रदर्शनकारी छात्रों ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:

आगे क्या होगा?

यह मामला एक बार फिर सरकारी परीक्षाओं में निजी एजेंसियों की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। अगर एसएससी और सरकार छात्रों की मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है, तो भविष्य में और भी बड़े विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। साथ ही, इससे सरकारी भर्ती प्रक्रिया में छात्रों का विश्वास कमज़ोर होगा, जो देश के युवाओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।

Exit mobile version