कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी और आडवाणी की तस्वीर साझा की, जिससे कांग्रेस में अंदरूनी कलह की अफवाहें फैल गईं। हालांकि, दिग्विजय सिंह ने बाद में सफाई दी और कहा कि उन्होंने किसी को गलत संदेश नहीं दिया।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह
New Delhi: शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की एक पोस्ट ने कांग्रेस में अंदरूनी कलह की अफवाहों को जन्म दे दिया। दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा की थी, जिसमें दोनों नेता एक साथ नजर आ रहे थे। इस पोस्ट को लेकर कई तरह की अटकलें लगने लगीं, खासकर पार्टी नेतृत्व के भीतर। हालांकि, बाद में दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट को लेकर सफाई भी दी और कहा कि उन्होंने किसी को गलत संदेश नहीं दिया था।
दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1996 की एक तस्वीर साझा की थी। इस तस्वीर में मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी एक साथ नजर आ रहे थे। तस्वीर को साझा करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, "यह बहुत असरदार है। जिस तरह से RSS के जमीनी स्वयंसेवक और जनसंघ के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनते हैं, वह संगठन की ताकत को दिखाता है।" दिग्विजय सिंह ने इस पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को टैग किया था।
इस पोस्ट को देखकर कई लोग यह अनुमान लगाने लगे थे कि दिग्विजय सिंह शायद कांग्रेस नेतृत्व को एक संदेश दे रहे हैं। कांग्रेस में अंदरूनी कलह की अफवाहें भी तेज हो गईं, खासकर जब दिग्विजय सिंह ने प्रमुख नेताओं को टैग किया था। कुछ नेताओं ने इसे कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ एक इशारा माना, जबकि अन्य ने इसे पार्टी के भीतर एक मजबूत संदेश के रूप में देखा। बीजेपी नेताओं ने भी इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और इसे राहुल गांधी के खिलाफ एक अप्रत्यक्ष आलोचना माना।
पोस्ट के वायरल होते ही दिग्विजय सिंह ने रविवार को इसे लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा, "मैंने कभी किसी को गलत संदेश नहीं दिया। मैं कांग्रेस पार्टी में हूं और हमेशा पार्टी के लिए खड़ा हूं। मैंने हमेशा संघ और बीजेपी की विचारधारा का विरोध किया है। मेरा उद्देश्य केवल यह था कि हमें हर संगठन को मजबूत होने का मौका देना चाहिए।" दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने इस पोस्ट के जरिए किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ संघर्ष का संदेश दिया है।
दिग्विजय सिंह की पोस्ट के बाद कई बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ खुलकर विरोध किया। बीजेपी ने इसे कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी का हिस्सा माना और राहुल गांधी की आलोचना की। बीजेपी नेताओं का कहना था कि इस पोस्ट के जरिए कांग्रेस में अंदरूनी संघर्ष को हवा दी गई है। इसके साथ ही कुछ नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को अपनी पार्टी के भीतर एकजुट होने की सलाह दी।
दिग्विजय सिंह की पोस्ट और उसके बाद की सफाई को लेकर कांग्रेस के भीतर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या यह पार्टी के भीतर बढ़ती असहमति का संकेत है? क्या दिग्विजय सिंह का यह कदम कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ था? इन सवालों ने कांग्रेस को अंदर से ही घेर लिया है। हालांकि, दिग्विजय सिंह ने खुद को इस विवाद से अलग करने की कोशिश की है, लेकिन पोस्ट के बाद के घटनाक्रमों ने पार्टी के भीतर अनबन की अटकलों को और तेज कर दिया है।