दिल्ली में वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर पार कर लिया है। शुक्रवार सुबह AQI 573 दर्ज किया गया, जो Severe+ श्रेणी में आता है। PM2.5, PM10 और कार्बन मोनोऑक्साइड के बढ़ते स्तर से स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

स्मॉग से ढकी दिल्ली (Img source: Google)
New Delhi: राजधानी दिल्ली की सुबह एक बार फिर साफ नीले आसमान के बजाय जहरीली सफेद धुंध यानी स्मॉग की मोटी चादर के साथ हुई। कड़ाके की ठंड, गिरता तापमान और थमी हुई हवाओं ने वायु प्रदूषण को बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। हालात ऐसे हैं कि अब केवल बीमार ही नहीं, बल्कि पूरी तरह स्वस्थ लोगों के लिए भी खुली हवा में सांस लेना जोखिम भरा हो गया है।
शुक्रवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 573 दर्ज किया गया, जो विशेषज्ञों के अनुसार “बेहद गंभीर” यानी Severe+ श्रेणी में आता है। सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम रही और बड़ी संख्या में लोगों ने आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की।
दिल्ली की हवा में सबसे ज्यादा चिंता का कारण सूक्ष्म प्रदूषक कण बन रहे हैं। PM2.5 का स्तर 362 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और PM10 का स्तर 493 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया। ये कण इतने महीन होते हैं कि सीधे फेफड़ों की गहराई तक पहुंच जाते हैं और लंबे समय तक शरीर में रहकर गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं।
इसके अलावा हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का स्तर 605 PPB दर्ज किया गया है, जो बेहद चिंताजनक माना जा रहा है। यह गैस गंधहीन और रंगहीन होती है, लेकिन खून में ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण के इस इमरजेंसी जैसे हालात के पीछे मुख्य रूप से दो वजहें जिम्मेदार हैं। पहली, स्थानीय मौसम परिस्थितियां। गिरता तापमान और सुबह की घनी धुंध प्रदूषक कणों को जमीन के पास ही रोक लेती है। दूसरी, हवा की बेहद सुस्त रफ्तार। जब हवाएं नहीं चलतीं, तो प्रदूषक कण छंट नहीं पाते और एक ही जगह जमा होकर जहरीला गुबार बना लेते हैं।
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डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर का AQI खुले में रहना कई सिगरेट पीने के बराबर नुकसान पहुंचा सकता है। सांस फूलना, लगातार खांसी, आंखों से पानी आना, सिरदर्द और सीने में जकड़न जैसे लक्षण अब आम हो गए हैं। बुजुर्ग, बच्चे, अस्थमा और दिल के मरीजों के लिए यह स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में सावधानी बेहद जरूरी है। घर से बाहर निकलते समय N95 या N99 मास्क का इस्तेमाल करें। सुबह और शाम की सैर से बचें और धूप निकलने के बाद ही बाहर निकलें। घर की खिड़कियां-दरवाजे बंद रखें और संभव हो तो एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं और विटामिन-C युक्त फलों को डाइट में शामिल करें।
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मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3-4 दिनों तक प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना कम है। अगर हवा की रफ्तार में सुधार नहीं हुआ, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। ऐसे में प्रशासन द्वारा GRAP के अगले चरण की सख्त पाबंदियां लागू की जा सकती हैं।