Faridabad: जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद में जैश-ए-मोहम्मद के टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद अब जांच की आंच अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। यूपी एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की संयुक्त टीम मंगलवार को यूनिवर्सिटी परिसर पहुंची और छात्रों व स्टाफ से पूछताछ शुरू की।
जांच एजेंसियां जुटीं सबूतों की तलाश में
जानकारी के मुताबिक, जांच टीम ने मेडिकल और साइंस विभाग के कई हिस्सों की तलाशी ली। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही हैं कि गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल शकील और उसके सहयोगियों की गतिविधियों का यूनिवर्सिटी परिसर से कोई संबंध था या नहीं। टीम ने कई कर्मचारियों और छात्रों से पूछताछ की और प्रयोगशालाओं की जांच भी की।
कुलपति ने दी सफाई
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने बयान जारी कर कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी अवैध गतिविधि से जुड़ा नहीं है। उन्होंने कहा, “हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम से व्यथित हैं और इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हमें जानकारी मिली है कि हमारे दो डॉक्टरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है, लेकिन विश्वविद्यालय का उनसे कोई व्यक्तिगत या संगठनात्मक संबंध नहीं है।”
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कुलपति ने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं का उपयोग केवल MBBS छात्रों और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक जरूरतों के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा, “किसी भी तरह का रसायन या सामग्री जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सके, हमारे परिसर में न तो संग्रहीत है और न ही प्रयोग में लाई जाती है।”
यूनिवर्सिटी ने किया सहयोग का वादा
डॉ. आनंद ने बताया कि विश्वविद्यालय जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है ताकि वे निष्पक्ष और तार्किक निर्णय पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी किसी भी जांच में अपना पूर्ण समर्थन दे रहे हैं और चाहते हैं कि सच्चाई जल्द सामने आए।”
एटीएस और स्पेशल सेल की कार्रवाई जारी
इसी बीच, यूपी एटीएस और दिल्ली स्पेशल सेल की टीमें लगातार विश्वविद्यालय के विभिन्न ब्लॉकों में छानबीन कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, टीमों ने कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।

