Sawan Shivratri 2025: भोलेनाथ की पूजा में न करें ये 10 गलतियां, वरना नाराज़ हो सकते हैं शिव

सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025 को मनाई जा रही है। जानिए शिव पूजा के दौरान किन 10 गलतियों से बचना चाहिए ताकि भोलेनाथ की कृपा बनी रहे और पूजा का फल पूरा मिले। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि पर की गई पूजा अत्यंत फलदायी होती है, लेकिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 23 July 2025, 9:05 AM IST

New Delhi: श्रावण मास में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस साल सावन शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई 2025, बुधवार को मनाया जा रहा है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं चारों प्रहर भोलेनाथ की आराधना करते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध व बेलपत्र चढ़ाकर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई को सुबह 04:39 बजे से आरंभ होकर रात 2:29 बजे समाप्त होगी। व्रत का पारण अगले दिन 24 जुलाई को सुबह 05:38 बजे किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि पर की गई पूजा अत्यंत फलदायी होती है, लेकिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। यदि इन नियमों की अनदेखी की जाए, तो भगवान शिव रुष्ट हो सकते हैं।

शिव पूजन में न करें ये 10 गलतियां

काले वस्त्र न पहनें

पूजा करते समय काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। हल्के या सफेद वस्त्र पहनना अधिक फलदायी होता है।

तुलसी पत्ता न चढ़ाएं

शिवलिंग पर तुलसी दल अर्पित करना वर्जित है। यह केवल भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है।

हल्दी से परहेज करें

शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना निषेध है। इसके स्थान पर दूध, दही, शहद, सफेद फूल और बेलपत्र चढ़ाएं।

कटे-फटे बेलपत्र न चढ़ाएं

केवल संपूर्ण और त्रिपत्रीय बेलपत्र ही शिवजी को चढ़ाएं। खंडित बेलपत्र अर्पण करना अनुचित होता है।

सावन शिवरात्रि महत्त्व (सोर्स-गूगल)

टूटे हुए अक्षत न चढ़ाएं

शिवलिंग पर साबुत सफेद चावल (अक्षत) ही चढ़ाएं। टूटे, गंदे या पीले चावल वर्जित माने जाते हैं।

शंख से जल न अर्पित करें

शिवलिंग पर शंख से जल अर्पण करना वर्जित है। इसके अलावा स्टील, एल्युमिनियम या लोहे के पात्र का प्रयोग भी न करें।

विषम संख्या में दीप न जलाएं

शिव पूजा में दीपक सम संख्या (2, 4, 6) में जलाएं। विषम संख्या अशुभ मानी जाती है।

केतकी और केवड़ा फूल न चढ़ाएं

ये फूल शिव पूजा में वर्जित हैं। इनकी जगह सफेद आक, धतूरा, कनेर या चमेली के फूल उपयोग करें।

शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें

पूजा करते समय शिवलिंग की केवल आधी परिक्रमा करें। पूरी परिक्रमा करना अनुचित माना गया है।

पीठ दिखाकर न जाएं

पूजा पूर्ण करने के बाद सीधे मुड़कर न जाएं, बल्कि उल्टे पैर कुछ कदम पीछे जाएं और फिर बाहर निकलें।

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  • 23 July 2025, 9:05 AM IST