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Independence Day 2025: श्रीनगर में दिव्यांग बच्चों ने रचा इतिहास, पहली बार सांकेतिक भाषा में गाया राष्ट्रगान

स्वतंत्रता दिवस 2025 पर श्रीनगर में एक ऐतिहासिक पहल के तहत दिव्यांग बच्चों ने पहली बार भारतीय सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। अभिनंदन होम स्कूल और वॉलंटरी मेडिकल सोसाइटी के छात्रों ने इस अनोखे कार्यक्रम में भाग लिया।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Independence Day 2025: श्रीनगर में दिव्यांग बच्चों ने रचा इतिहास, पहली बार सांकेतिक भाषा में गाया राष्ट्रगान

Srinagar: स्वतंत्रता दिवस 2025 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर ने एक ऐतिहासिक और भावनात्मक पल का गवाह बना जब विशेष आवश्यकता वाले बच्चों ने पहली बार भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) में राष्ट्रगान गाकर सभी का दिल जीत लिया। यह अवसर न केवल देशभक्ति का प्रतीक बना, बल्कि समावेशिता और समानता की भावना को भी सशक्त रूप से सामने लाया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, श्रीनगर के श्री प्रताप संग्रहालय में आयोजित इस विशेष समारोह में वॉलंटरी मेडिकल सोसाइटी, बेमिना और अभिनंदन होम स्कूल, रामबाग के छात्रों ने भाग लिया। इनमें दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित और अन्य विशेष आवश्यकताओं वाले छात्र शामिल थे।

सांकेतिक भाषा में दी प्रस्तुती

इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि इन छात्रों ने पूरे गर्व और आत्मविश्वास के साथ भारतीय सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। यह पहली बार था जब श्रीनगर जैसे शहर में स्वतंत्रता दिवस समारोह का यह स्वरूप देखा गया, जिससे सभी दर्शक भावविभोर हो उठे।

समाज के लिए एक प्रेरणा

अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक के.के. सिद्धा ने कहा कि यह प्रदर्शन सभी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा, “इन छात्रों ने समाज में अपनी विशेष जगह बनाई है और कई बाधाओं को पार किया है। हमें चाहिए कि हम समाज को और अधिक समझदार बनाएं ताकि विशेष आवश्यकता वाले लोगों को भी विकास के समान अवसर मिल सकें।” सिद्धा ने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से समावेशी बनाया गया था। आयोजकों का उद्देश्य था कि वे छात्र, जो आमतौर पर ऐसे आयोजनों से दूर रह जाते हैं, उन्हें भी इस राष्ट्रीय पर्व में भाग लेने का अवसर दिया जाए। छात्रों के उत्साह और प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि वे भी समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।

अभिनंदन होम स्कूल के प्रधानाचार्य मुदासिर सोफी ने बताया कि इस प्रदर्शन के लिए छात्रों ने एक सप्ताह तक कड़ी मेहनत की। उन्होंने कहा, “हमारे विशेष शिक्षा शिक्षकों को भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली से प्रशिक्षित किया गया है और उन्होंने बच्चों को भारतीय सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान सिखाया। आज का दिन हमारे लिए गौरव का क्षण है।”

छात्रों की प्रस्तुती की प्रशंसा

इस आयोजन के दौरान उपस्थित सभी लोगों ने छात्रों की प्रस्तुति को तालियों और अभिवादन के साथ सराहा। समारोह में स्थानीय अधिकारी, शिक्षक, अभिभावक और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने इस अनोखे आयोजन की खुले दिल से सराहना की।

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