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बीजिंग में बाढ़ का कहर: अब तक 45 लोगों की मौत और 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, जानें लेटेस्ट हालात

चीन की राजधानी बीजिंग में भारी बारिश और बाढ़ ने विनाशकारी रूप ले लिया है। अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है और नौ लोग अब भी लापता हैं। प्राकृतिक आपदा ने न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि हजारों घरों को नुकसान पहुंचाया और लाखों लोग प्रभावित हुए। बीजिंग, जो सामान्यतः कम बारिश वाला क्षेत्र माना जाता है, इस समय ईस्ट एशियन मानसून के कारण भारी वर्षा की चपेट में आ गया है।
Post Published By: Mayank Tawer
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बीजिंग में बाढ़ का कहर: अब तक 45 लोगों की मौत और 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, जानें लेटेस्ट हालात

New Delhi: चीन की राजधानी बीजिंग में बारिश ने विनाशकारी रूप ले लिया है। बीजिंग प्रशासन ने पुष्टि की है कि इस बार की भारी बारिश और बाढ़ में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 31 लोग एक वृद्धाश्रम में रहते थे। इसके अलावा 9 लोग लापता हैं, जिनमें से 4 राहत और बचाव कार्यों में लगे कर्मी थे। स्थानीय प्रशासन ने इन आंकड़ों को बेहद दुखद और अभूतपूर्व बताया है।

24 हजार घरों को नुकसान

बाढ़ ने बीजिंग के 3 लाख से ज्यादा लोगों को प्रभावित किया है। घरों, सड़क, बिजली, पानी, और यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। करीब 24,000 मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें कई पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

बीजिंग में आमतौर पर नहीं होती इतनी बारिश

बीजिंग उत्तर चीन का हिस्सा है, जहां आमतौर पर बारिश कम ही होती है। लेकिन जुलाई और अगस्त के महीनों में जब ईस्ट एशियन मानसून सक्रिय होता है, तब यहां अचानक तेज बारिश हो सकती है। इस बार भी मानसून की तेज गतिविधि के चलते शहर में अत्यधिक वर्षा हुई, जिससे हालात बिगड़ गए।

भौगोलिक स्थिति ने बढ़ाई मुश्किलें

बीजिंग की भौगोलिक संरचना बाढ़ को और खतरनाक बना देती है। यह इलाका पथरीली और ऊबड़-खाबड़ जमीन वाला है, जिससे पानी तेजी से नीचे की ओर बहता है और फ्लैश फ्लड की स्थिति बन जाती है। मिट्टी में नमी की कमी होने के कारण बारिश का पानी जमीन में समाने के बजाय सीधे सतह पर बहता है, जिससे नदियों और नालों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है।

राहत एवं बचाव कार्य जारी

प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राहत कार्य तेजी से जारी हैं। सैकड़ों बचावकर्मी, पुलिस बल और चीन की सेना भी मदद में लगी हुई है। लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन, नावें और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। प्रशासन ने कहा है कि पहले लोगों की जान बचाना प्राथमिकता है, इसके बाद पुनर्वास कार्य किया जाएगा।

जलवायु परिवर्तन की चेतावनी

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आपदा जलवायु परिवर्तन की ओर स्पष्ट संकेत है। लगातार बढ़ते तापमान और बदलते मौसमी पैटर्न के कारण अब शहरों में भी अचानक और अत्यधिक वर्षा की घटनाएं आम होती जा रही हैं। बीजिंग जैसे शहरों को इसके लिए बुनियादी ढांचे और योजनाओं में बदलाव की जरूरत है।

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