Riyadh: सऊदी अरब ने रविवार, 19 अक्टूबर को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल ही में हुई सीमा झड़पों के बाद हुए युद्धविराम का स्वागत किया। सऊदी विदेश मंत्रालय ने विशेष रूप से कतर और तुर्की की मध्यस्थता की भी सराहना की, जिन्होंने दोहा में हुई वार्ता में दोनों पक्षों को बातचीत के लिए प्रेरित किया।
सऊदी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह समझौता तुरंत युद्धविराम लागू करने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच लंबे समय तक शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक तंत्र स्थापित करेगा। बयान में कहा गया, “सऊदी विदेश मंत्रालय इस बात का स्वागत करता है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने दोहा में हुई वार्ता के दौरान तत्काल युद्धविराम पर हस्ताक्षर किए और स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई।”
सऊदी अरब का समर्थन और प्रतिबद्धता
सऊदी अरब ने शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयासों का समर्थन किया और पाकिस्तान-अफगानिस्तान के लोगों के लिए स्थिरता और खुशहाली सुनिश्चित करने का वादा दोहराया। मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि यह समझौता दोनों देशों की साझा सीमा पर तनाव कम करेगा।
बयान में कहा गया, “हम आशा करते हैं कि यह कदम सीमा पर तनाव खत्म करने में मदद करेगा। राज्य सभी प्रयासों का समर्थन करता है जो शांति और स्थिरता लाते हैं और दोनों देशों के लोगों के लिए सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
कतर और तुर्की की मध्यस्थता
इससे पहले कतर ने भी बताया था कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति दी है और इसे कायम रखने के लिए आगे की बैठकें होंगी। कतर और तुर्की की मध्यस्थता में दोहा की वार्ता को इस क्षेत्र में एक बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है।
इस वार्ता से एक दिन पहले, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत पकतीका में युद्धविराम का उल्लंघन किया था, जिसमें 17 लोग मारे गए थे। इनमें तीन अफगान क्रिकेट खिलाड़ी भी शामिल थे और हवाई हमलों में कई नागरिकों को नुकसान हुआ था।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी युद्धविराम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अगली बैठक तुर्की में होगी, जिसमें दोनों पक्ष युद्धविराम की निगरानी और सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के उपायों पर चर्चा करेंगे। इशाक डार ने कहा कि दोनों देशों के बीच यह कदम क्षेत्रीय शांति और सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण है।