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38 सूत्रीय मांगों को लेकर सुलगा पीओके: अब तक 3 पुलिसकर्मी मारे गए और 100 से अधिक घायल

पाक अधिकृत कश्मीर में हड़ताल और प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। वहीं, बलूचिस्तान में पाक सेना ने 13 आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
Post Published By: Mayank Tawer
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38 सूत्रीय मांगों को लेकर सुलगा पीओके: अब तक 3 पुलिसकर्मी मारे गए और 100 से अधिक घायल

Jammu and Kashmir: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी की हड़ताल और विरोध प्रदर्शनों ने दूसरे दिन भी हिंसक रूप ले लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अब तक तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

38 सूत्रीय मांगों पर संघर्ष, सरकार ने माना 90% पर बनी सहमति

यह आंदोलन जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी की 38 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुआ था। इन मांगों में एलीट वर्ग की विशेष सुविधाएं समाप्त करना, शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधानसभा सीटों को हटाना और मंत्रियों की संख्या में कटौती जैसे संवेदनशील मुद्दे शामिल हैं। फेडरल मंत्री तारिक फ़ज़ल चौधरी ने बुधवार को प्रेस को बताया कि समिति की लगभग 90% मांगें सरकार पहले ही मान चुकी है। शेष दो मांगें संवैधानिक बदलाव से जुड़ी हैं, जिन पर तत्काल निर्णय लेना संभव नहीं है। इसके बावजूद सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार है।

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मुजफ्फराबाद समेत कई जिलों में बंद, स्कूल-कॉलेज सुनसान

विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के कारण पीओके के कई इलाकों में सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मुजफ्फराबाद, रावलाकोट, सुधनोती और भिंबर समेत प्रमुख शहरों में बाजार, दुकानें और होटल बंद हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सड़कों से गायब है। हालांकि कुछ स्कूल खुले रहे, लेकिन छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी रविवार दोपहर से बंद कर दी गई हैं। प्रशासन का कहना है कि हालात सामान्य होने तक इन पर रोक जारी रहेगी।

पीओके प्रधानमंत्री की अपील- “हिंसा में जन अधिकार दफन हो जाते हैं”

प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर संवाद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आंदोलन से किसी का भला नहीं होगा और हिंसा में जन अधिकार वहीं दफन हो जाते हैं, जहां इंसानी जिंदगियां खो जाती हैं। भिंबर में प्रधानमंत्री के भाई एहसानुल हक ने भी एक रैली का नेतृत्व किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह आंदोलन केवल जनभावना नहीं बल्कि राजनीतिक रंग भी ले चुका है।

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बलूचिस्तान में सेना का दावा- 13 आतंकी मारे गए

उधर, बलूचिस्तान में पाक सेना ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सेना के मुताबिक, क्वेटा जिले और केच इलाके में दो अलग-अलग अभियानों में 13 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। सेना ने बताया कि इनमें 10 खवारिज (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े आतंकी) को भीषण गोलीबारी के बाद ढेर किया गया। सेना का दावा है कि मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए हैं। उन्होंने आतंकियों की तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें कुछ आतंकवादी महिलाओं के वेश में छिपकर भागने की कोशिश कर रहे थे।

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