Gold Prices Rate Today: ईरान-इजराइल युद्ध थमा, सोने-चांदी के दामों में आई गिरावट, जानिए सोने का नया भाव

ईरान और इजराइल के बीच के युद्ध को आखिरकार विराम मिल गया है। वहीं इसका अर्थव्यवस्था और बाजारों पर भी साफ असर दिखने लगा है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 25 June 2025, 6:33 PM IST

नई दिल्ली: मध्य पूर्व में लंबे समय से चल रहे ईरान और इजराइल के बीच के युद्ध को आखिरकार विराम मिल गया है। जहां यह खबर विश्व शांति के लिए सुकून देने वाली है, वहीं इसका अर्थव्यवस्था और बाजारों पर भी साफ असर दिखने लगा है। खासतौर पर बुलियन मार्केट में इसके बाद तेजी से बदलाव आया है।

बुधवार को सोने और चांदी दोनों के दामों में गिरावट देखी गई। जहां 24 कैरेट सोना 112 रुपये प्रति ग्राम गिरकर 97,151 रुपये हो गया, वहीं चांदी 317 रुपये टूटकर 1,05,650 रुपये प्रति किलो के स्तर पर आ गई।

अब सवाल ये है कि युद्ध और सोने के बीच ऐसा क्या संबंध है जो शांति आते ही इसके दाम नीचे चले जाते हैं? आइए विस्तार से समझते हैं।

युद्ध में क्यों चमकता है सोना?

जब दुनिया में युद्ध या तनाव की स्थिति होती है, तब लोग जोखिम वाले निवेशों (जैसे शेयर बाजार) से दूरी बनाकर सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुख करते हैं। इस दौरान सोना एक “हेज” यानी सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।

कंपनियां, सरकारें और निवेशक गोल्ड को पोर्टफोलियो बैलेंस करने के लिए अपनाते हैं।

जब शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तो लोग फिजिकल गोल्ड या सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश करना शुरू कर देते हैं।

ईरान-इजराइल युद्ध थमा (सोर्स-इंटरनेट)

युद्ध का असर करेंसी और महंगाई पर

युद्ध के दौरान महंगाई का खतरा बढ़ जाता है।

करेंसी की वैल्यू गिरने लगती है।

ऐसे में फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट (जैसे FD या बांड) की चमक फीकी पड़ जाती है, लेकिन सोने की कीमत बढ़ती है।

यही कारण है कि हाल के वर्षों में रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास युद्धों के दौरान भी सोने के दाम तेजी से बढ़े थे।

युद्ध रुका, बाजार में लौटी रौनक – सोना गिरा

जैसे ही ईरान-इजराइल युद्ध थमा, बाजारों में आशा और स्थिरता का माहौल बन गया। निवेशक फिर से शेयर मार्केट की ओर लौटे, जिससे बुलियन मार्केट पर दबाव आया और सोने-चांदी की कीमतें नीचे आ गईं।

क्या है TINA फैक्टर?

TINA = There Is No Alternative
युद्ध या संकट के समय जब और कोई विकल्प सुरक्षित नहीं बचता, तब सोना सबसे भरोसेमंद विकल्प बन जाता है।
लेकिन जैसे ही शांति लौटती है, ये 'TINA फैक्टर' कमजोर हो जाता है और लोग फिर से उच्च रिटर्न वाले एसेट्स की तरफ बढ़ने लगते हैं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 25 June 2025, 6:33 PM IST