New Delhi: अमेरिका ने भारत पर 50% तक के टैरिफ (आयात शुल्क) लगा दिए हैं। जिसके कारण भारतीय टेक्सटाइल, सी-फूड और अन्य उत्पादों के निर्यात पर भारी असर पड़ा है। यह फैसला उन कंपनियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। जो सूरत, नोएडा और तिरुपुर जैसे क्षेत्रों में उत्पादन करती हैं, क्योंकि कई कंपनियों ने अब उत्पादन भी रोक दिया है। अनुमान है कि ट्रंप के इस टैरिफ फैसले से भारत की आर्थिक वृद्धि में 0.3% से 0.5% तक की कमी हो सकती है। भारत का लगभग 70% यानी 55 अरब डॉलर तक का अमेरिकी निर्यात प्रभावित हो सकता है।
अमेरिका का भारत पर 50% टैरिफ: विस्तार से समझिए किस राज्य और उद्योग को कितना नुकसान
यहां पर अमेरिका के पास रास्ता बंद
इसके बावजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत से कुछ महत्वपूर्ण उत्पादों पर टैरिफ नहीं लगाया या सिर्फ 25% टैरिफ रखा है, क्योंकि इन उत्पादों की खरीदारी के बिना अमेरिका के लिए अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं हैं। उदाहरण के लिए भारत से फार्मास्यूटिकल्स (जेनरिक दवाएं) और स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स पर अमेरिकी निर्भरता काफी अधिक है।
अमेरिका को बढ़ सकती है परेशानी
अमेरिका ने जिन उत्पादों पर टैरिफ से राहत दी है। उनमें फार्मास्यूटिकल्स, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा उत्पाद जैसे पेट्रोलियम के साथ नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं। भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। जो अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम के लिए अहम है। यदि फार्मास्यूटिकल्स पर टैरिफ बढ़ा दिया जाता तो इससे दवाओं की कीमतें बढ़ सकती थी, जो अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए समस्या बन सकती थी। यही कारण है कि अमेरिका ने इस सेक्टर को राहत दी है, जिससे दवाइयां सस्ती बनी रहें और राजनीतिक दबाव से बचा जा सके।
टैरिफ पर अमेरिका ने खोले बातचीत के रास्ते, लेकिन अब भारत ने बनाई यह रणनीति
Apple और Samsung का ज्यादा भारत में उत्पादन
स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में अमेरिकी कंपनियों ने चीन से निकलकर भारत में उत्पादन बढ़ाना शुरू किया है। Apple, Samsung और अन्य कंपनियां अब भारतीय उत्पादन का हिस्सा हैं। अगर इन पर टैरिफ लगाया जाता तो अमेरिका में इन उत्पादों की कीमतें बढ़ जाती और इससे उपभोक्ताओं को नुकसान होता। इस कारण अमेरिका ने इस सेक्टर को भी टैरिफ से छूट दी है। जिससे यह उत्पादन लगातार जारी रहे और चीन से प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति मजबूत हो। अमेरिका को भारत से ऊर्जा और नवीकरणीय उत्पादों की भी जरूरत है। अगर इन उत्पादों पर टैरिफ लगाया जाता तो अमेरिकी ऊर्जा उद्योग और सुरक्षा पर नकारात्मक असर पड़ता। इसी कारण इन क्षेत्रों को भी टैरिफ से मुक्त रखा गया है।