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Last Rites Zubeen Garg: घुटने के बल बैठी पत्नी, हाथ जोड़कर रोते रहे लोग, खामोशी के बीच पंचतत्व में विलिन हुए जुबिन

असम के लोकप्रिय सिंगर जुबीन गर्ग का निधन, गुवाहाटी में राजकीय सम्मान और 21 तोपों की सलामी के साथ अंतिम संस्कार। फैंस और परिवार भावुक, उनके गाने गाए गए।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Last Rites Zubeen Garg: घुटने के बल बैठी पत्नी, हाथ जोड़कर रोते रहे लोग, खामोशी के बीच पंचतत्व में विलिन हुए जुबिन

Guwahati: असम और पूरे भारत के संगीत प्रेमियों के लिए दुखद खबर है। चर्चित सिंगर जुबीन गर्ग अब इस दुनिया में नहीं रहे। 19 सितंबर को सिंगापुर में उनका निधन हुआ। उनके निधन की खबर सुनते ही फैंस और संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई। जुबीन के परिवार, मित्र और फैंस उनके जाने से गहरे आहत हैं।

ऐसे हुआ जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार

23 सितंबर को जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार गुवाहाटी में राजकीय सम्मान और 21 तोपों की सलामी के साथ किया गया। उनका अंतिम संस्कार उनकी छोटी बहन पाल्मी बोरठाकुर ने किया। इस अवसर पर भारी संख्या में फैंस और करीबी लोग मौजूद थे। अंतिम संस्कार स्थल पर फैंस ने जुबीन के फेमस गाने ‘Mayabini’ गाकर उन्हें भावभीनी विदाई दी।

जुबीन की पत्नी गरिमा सय्किया गर्ग अंतिम संस्कार में बेहद भावुक नजर आईं। पार्थिव शरीर के पास हाथ जोड़कर बैठी उनकी पत्नी बार-बार फूट-फूटकर रोती रहीं। इस दृश्य ने उपस्थित सभी लोगों की आंखों में आंसू ला दिए। सोशल मीडिया पर उनका रोते हुए वीडियो तेजी से वायरल हो गया और फैंस भी भावुक हो गए। जुबीन को अलविदा कहने के लिए उनके पालतू डॉग भी पहुंचे और पत्नी के साथ ताबूत तक गए।

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ये लोग हुए अंतिम संस्कार में शामिल

मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू भी जुबीन गर्ग के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। फैंस ने सड़कों पर इकट्ठा होकर ‘जुबीन दा अमर रहे’ के नारे लगाए। इस दौरान लोग अपने पसंदीदा गाने गाकर जुबीन को याद कर रहे थे।

जुबीन गर्ग का दो बार पोस्टमार्टम हुआ। पहला सिंगापुर में और दूसरा भारत में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया गया। उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई।

लाखों दिलों की पहचान थे जुबीन गर्ग

जुबीन गर्ग की फैन फॉलोइंग काफी मजबूत थी। उनके संगीत और व्यक्तित्व के कारण उन्होंने लाखों दिलों में अपनी पहचान बनाई। उनके निधन के बाद उनके पांव के निशान लेकर उनका ई-प्रिंट बनाया गया, ताकि उनकी लिगेसी हमेशा जीवित रहे।

असम में जुबीन गर्ग के निधन से गहरा शोक है। फैंस उनके गानों और यादों को सहेजकर हमेशा उन्हें याद करेंगे। उनके संगीत ने न केवल असम बल्कि पूरे देश में लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। उनके चले जाने से संगीत जगत एक बहुत बड़े कलाकार से वंचित हो गया है।

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जुबीन गर्ग का जीवन और संगीत उनकी कला, आवाज और व्यक्तित्व के जरिए हमेशा जीवित रहेगा। उनके गाने और यादें फैंस के दिलों में हमेशा अमर रहेंगी। उनके परिवार, विशेषकर उनकी पत्नी गरिमा सय्किया गर्ग और बहन पाल्मी बोरठाकुर के लिए यह समय बेहद कठिन है।

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