उत्तर प्रदेश के आगरा में जबरन धर्मांतरण कराने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस रैकेट का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान कुरैशी को दिल्ली के मुस्तफाबाद से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब्दुल पहले हिंदू था और उसका नाम महेंद्र पाल था। वह धीरे-धीरे ईसाई और फिर मुस्लिम धर्म में कन्वर्ट हुआ।

धर्मांतरण गैंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में दो बहनों के जबरन धर्मांतरण के मामले से शुरू हुई जांच अब एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के खुलासे तक पहुंच चुकी है। इस नेटवर्क का सरगना अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही एक संगठित धर्मांतरण रैकेट की पोल खुल गई है, जिसमें 6 राज्यों के अलावा 6 देशों से फंडिंग की बात भी सामने आई है।
अब्दुल रहमान कुरैशी कभी महेंद्र पाल नाम का हिंदू युवक था। 1990 में उसने पहले ईसाई धर्म अपनाया, बाद में इस्लाम में कन्वर्ट होकर अब्दुल रहमान बन गया। उसके खिलाफ पहले से ही कई राज्यों में धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार 10 लोगों का लिंक सामने आया है।
हरियाणा की लड़की को छुड़ाया गया
आगरा पुलिस को अब्दुल की लोकेशन दिल्ली के मुस्तफाबाद में मिली। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उसके घर से बड़ी मात्रा में धर्मांतरण से जुड़ी किताबें बरामद कीं। इसके अलावा हरियाणा की एक युवती, जिसे जबरन मुस्लिम बनाने की कोशिश हो रही थी, को भी छुड़ाया गया।
कैसे हुआ पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़?
19 जुलाई को आगरा पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि एक संगठित धर्मांतरण गैंग के जरिए 6 राज्यों में 200 से ज्यादा लोगों का कन्वर्जन कराया गया है। इस गैंग में एक महिला समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनकी पूछताछ में अब्दुल रहमान का नाम सामने आया।
यूट्यूब और पॉडकास्ट से कट्टरपंथ का प्रचार
अब्दुल रहमान यूट्यूब चैनल और पॉडकास्ट के जरिए कट्टर इस्लामी विचारधारा का प्रचार करता था। वह हिंदू धार्मिक प्रतीकों का भी अपमान करता था। गिरफ्तार आरोपी आयशा और मोहम्मद अली ने बताया कि वह ‘रहमान चचा’ जैसा कहते, वैसा ही करते थे।
ओसामा देता था 'इस्लामी बहन' बनने की ट्रेनिंग
पूछताछ में एक नया नाम ओसामा का सामने आया है, जो लड़कियों को ‘इस्लामी बहन’ बनाने की ट्रेनिंग देता था। पुलिस अब उसकी तलाश में जुटी है। माना जा रहा है कि यह पूरा नेटवर्क कन्वर्जन के बाद लड़कियों को इस्लामी समाज में शामिल करने की एक बड़ी योजना पर काम कर रहा था।
मौलाना कलीम सिद्दीकी से कनेक्शन
इस नेटवर्क का कनेक्शन मौलाना कलीम सिद्दीकी से भी जुड़ा है, जिसे 2021 में शाहीन बाग से यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजीवन कारावास मिलने के बाद अब्दुल रहमान ने ही इस नेटवर्क को संभाल लिया था। बरामद किताबें भी कलीम की लिखी हुई थीं।
कनाडा, लंदन और हवाला नेटवर्क
अब्दुल के भतीजे द्वारा लंदन से फंड री-रूट किया जाता था। वहीं, सऊद नामक व्यक्ति कनाडा से आरोपी आयशा को पैसे भेजता था। वह जानता था कि इन पैसों से धर्मांतरण किए गए लोगों का रहन-सहन और खानपान का खर्चा उठाया जाता है। सऊद को गिरफ्तार कराने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
2 बहनों के लापता होने से खुला रैकेट
इस पूरे प्रकरण की शुरुआत आगरा की 33 और 18 वर्षीय दो बहनों के मार्च 2025 में लापता होने से हुई। बड़ी बहन ने हथियार के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा की थी, जिससे पुलिस को शक हुआ और जांच शुरू हुई। इसके बाद एक के बाद एक परतें खुलती चली गईं।