IPO के पहले ही दिन धराशायी हुआ इस कंपनी के शेयर, रिटेल निवेशकों में छाई मायूसी

शेयर बाजार में आज यानी मंगलवार को ढिल्लों फ्रेट कैरियर का शेयर बीएसई पर इश्यू प्राइस से 20% नीचे लिस्ट हुआ और कुछ ही देर में 24% तक गिर गया। रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, जबकि ग्रे मार्केट पहले से संकेत दे रहा था।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 7 October 2025, 5:58 PM IST

New Delhi: शेयर बाजार में मंगलवार को लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन कंपनी ढिल्लों फ्रेट कैरियर लिमिटेड की लिस्टिंग निवेशकों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। कंपनी के शेयर बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इश्यू प्राइस से सीधे 20% गिरावट के साथ लिस्ट हुए और फिर लोअर सर्किट में फंसकर 24% तक टूट गए। निवेशकों के लाखों रुपये डूब गए और रिटेल निवेशकों में निराशा की लहर फैल गई।

इश्यू प्राइस से नीचे लिस्टिंग

ढिल्लों फ्रेट कैरियर ने अपने आईपीओ का इश्यू प्राइस ₹72 प्रति शेयर तय किया था, लेकिन कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग मात्र ₹57.60 पर हुई। यानी जिन लोगों को शेयर अलॉट हुए थे, उन्हें पहले ही मिनट में करीब ₹14.40 प्रति शेयर का घाटा झेलना पड़ा।

लिस्टिंग के कुछ ही देर बाद, बाजार में बिकवाली इतनी तेज हुई कि शेयर ने लोअर सर्किट छू लिया और ₹54.72 पर पहुंच गया। इस तरह कुल मिलाकर पहले ही दिन निवेशकों को 24% तक नुकसान हुआ।

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ग्रे मार्केट ने किया था संकेत

विशेषज्ञों का कहना है कि लिस्टिंग से पहले ही ग्रे मार्केट में इस कंपनी को लेकर कोई खास उत्साह नहीं था। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) लगभग न के बराबर था, जिससे संकेत मिल गया था कि कंपनी का प्रदर्शन बाजार में कमजोर रह सकता है। निवेशकों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई थी, लेकिन कई रिटेल निवेशकों ने जोखिम उठाते हुए इसमें निवेश किया।

रिटेल निवेशकों को बड़ा झटका

ढिल्लों फ्रेट कैरियर का यह आईपीओ कुल ₹10.08 करोड़ का था, जो कि एक छोटा पब्लिक इश्यू है। इसके रिटेल हिस्से को 4.87 गुना तक सब्सक्रिप्शन मिला, जिससे पता चलता है कि छोटे निवेशकों ने कंपनी में दिलचस्पी दिखाई थी।

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

हालांकि, क्यूआईबी और एनआईआई कैटेगरी में इसका प्रदर्शन ठंडा रहा और शेयर पूरी तरह सब्सक्राइब नहीं हुए। बड़े निवेशकों की दूरी ने इस इश्यू की लिस्टिंग पर असर डाला।

कंपनी करती क्या है?

ढिल्लों फ्रेट कैरियर एक लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन कंपनी है जो मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे दिल्ली, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में काम करती है। कंपनी की अपनी खुद की गाड़ियों की फ्लीट है और देशभर में 22 ऑफिस हैं, जहां से यह माल ढुलाई और लॉजिस्टिक्स सेवाएं देती है।

कंपनी के बुनियादी ढांचे की बात करें तो, यह क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखने वाली मानी जाती है, लेकिन विश्लेषकों के अनुसार इसकी वित्तीय स्थिति उतनी मजबूत नहीं है जो लिस्टिंग गेन की उम्मीद जगाए।

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निवेशकों के लिए सबक

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हर आईपीओ शॉर्ट टर्म में मुनाफा नहीं देता। आईपीओ से पहले ग्रे मार्केट, कंपनी की बैलेंस शीट और लिस्टिंग ट्रेंड्स को समझना जरूरी है। सिर्फ भीड़ के पीछे चलना रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान दे सकता है।

ढिल्लों फ्रेट कैरियर की लिस्टिंग ने यह संदेश दिया है कि आईपीओ का मतलब हमेशा मुनाफा नहीं होता। निवेशकों को सतर्क होकर कंपनियों की बुनियादी स्थिति को परखना चाहिए। इस गिरावट के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी आगे क्या रणनीति अपनाती है और क्या यह निवेशकों का विश्वास दोबारा जीत पाएगी।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है, यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।

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  • New Delhi

Published : 
  • 7 October 2025, 5:58 PM IST