New Delhi: देश में हवाई यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने अपनी नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनमें यात्रियों को फ्लाइट टिकट बुक करने के 48 घंटे के भीतर फ्री कैंसिलेशन और मोडिफिकेशन की सुविधा देने का प्रस्ताव रखा गया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो आने वाले समय में यात्रियों को टिकट बदलने या रद्द करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
यह कदम हवाई यात्रियों के लिए एक राहत भरा तोहफा साबित हो सकता है, क्योंकि अब तक एयरलाइंस कंपनियां टिकट रद्द करने या उसमें बदलाव करने पर भारी पेनल्टी वसूलती थीं।
DGCA की नई पहल क्या कहती है?
DGCA ने सोमवार को जारी अपने ड्राफ्ट दिशा-निर्देशों में कहा है कि अब एयरलाइन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रियों को टिकट बुकिंग के 48 घंटे के भीतर कैंसिलेशन या मोडिफिकेशन का विकल्प बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध हो।
इसका मतलब यह है कि यदि किसी यात्री ने फ्लाइट टिकट बुक किया और किसी आपात स्थिति या योजना में बदलाव के कारण वह यात्रा नहीं कर सकता, तो वह बुकिंग के 48 घंटे के अंदर बिना किसी आर्थिक नुकसान के टिकट रद्द या बदल सकता है। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ उड़ान के प्रस्थान समय से कम से कम 24 घंटे पहले बुक की गई टिकटों पर ही लागू होगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एयरलाइंस को भी ऑपरेशनल नुकसान न हो और यात्रियों को भी उचित लचीलापन मिले।
यात्रियों को क्या लाभ मिलेगा?
DGCA के इस प्रस्ताव से हवाई यात्रियों को कई तरह के फायदे होंगे।
बिना आर्थिक नुकसान के बदलाव की सुविधा: अब फ्लाइट टिकट रद्द करने या उसमें संशोधन करने पर यात्रियों को भारी चार्ज नहीं देना होगा।
तेज़ रिफंड प्रक्रिया: DGCA ने एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि कैंसिल किए गए टिकटों की राशि यात्रियों को जल्द से जल्द वापस की जाए।
आपातकालीन परिस्थितियों में राहत: बीमारी, पारिवारिक कारण या किसी अन्य इमरजेंसी में यात्री अपने प्लान में बदलाव कर पाएंगे।
उपभोक्ता शिकायतों में कमी: DGCA को अब तक हवाई यात्रियों से कैंसिलेशन चार्ज को लेकर काफी शिकायतें मिलती रही हैं। नए नियम लागू होने के बाद ऐसी शिकायतों में कमी आने की उम्मीद है।
यात्रियों और एयरलाइंस के बीच संतुलन: नई गाइडलाइंस का मकसद यात्रियों और एयरलाइन कंपनियों दोनों के हितों के बीच संतुलन कायम करना है।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
DGCA के अनुसार, बीते कुछ सालों में उन्हें हजारों यात्रियों की शिकायतें मिलीं जिनमें एयरलाइंस कंपनियों पर कैंसिलेशन के नाम पर अत्यधिक शुल्क वसूलने का आरोप लगाया गया। कई उपभोक्ता संगठनों ने भी इस मुद्दे को उठाया था कि टिकट रद्द करने या संशोधन कराने पर यात्रियों को अनुचित आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए DGCA ने यह निर्णय लिया कि यात्रियों को अधिक पारदर्शी और उपभोक्ता-अनुकूल व्यवस्था दी जाए।
एयरलाइन कंपनियों पर असर
DGCA की इस पहल से एयरलाइन कंपनियों पर भी कुछ प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुफ्त कैंसिलेशन और मोडिफिकेशन की सुविधा से एयरलाइंस को राजस्व में थोड़ी कमी महसूस हो सकती है, लेकिन इससे ग्राहक संतुष्टि और भरोसा बढ़ेगा।
इसके अलावा, एयरलाइन कंपनियों को अपने बुकिंग सिस्टम में आवश्यक तकनीकी बदलाव करने होंगे ताकि 48 घंटे की फ्री विंडो यात्रियों को सहज रूप से उपलब्ध कराई जा सके। DGCA ने यह भी कहा है कि कंपनियों को टिकट कैंसिल या मोडिफाई करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना होगा, जिससे किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति न बने।
रिफंड प्रक्रिया पर भी जोर
DGCA ने इस ड्राफ्ट गाइडलाइन में रिफंड से संबंधित नियमों को भी सख्त किया है। अब एयरलाइंस को टिकट कैंसिल होने के बाद यात्रियों की राशि जल्द से जल्द वापस करनी होगी। इसके लिए एक तय समय सीमा भी तय की जा सकती है, ताकि यात्रियों को लंबा इंतजार न करना पड़े।

