New Delhi: देश के सबसे बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी अब शेयर बाजार में डबल धमाका करने की तैयारी में हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम यूनिट रिलायंस जियो के अगले साल IPO लॉन्च करने की योजना के बाद, अब कंपनी की रिटेल यूनिट- रिलायंस रिटेल को भी शेयर बाजार में लिस्ट कराने की तैयारी शुरू हो चुकी है। यह लिस्टिंग 2027 तक संभव मानी जा रही है और इसके साथ यह देश की अब तक की सबसे बड़ी IPO पेशकश बन सकती है, जिसका अनुमानित वैल्यूएशन 200 अरब डॉलर बताया जा रहा है।
रिलायंस रिटेल IPO से निवेशकों को मिलेगा बड़ा एग्जिट मौका
रिलायंस रिटेल के आईपीओ को लेकर बाजार में काफी हलचल है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपने रिटेल बिजनेस को रीकंस्ट्रक्ट करने में जुटी है। हाल ही में हुई रिलायंस की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में एफएमसीजी कारोबार और रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को डीमर्ज कर दिया गया है। अब यह यूनिट एक स्वतंत्र सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी। इस प्रक्रिया से रिलायंस रिटेल की संरचना को अधिक स्पष्ट और मजबूत बनाया जा रहा है।
कंपनी का उद्देश्य है कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्टोर्स को बंद कर के लाभप्रदता (profitability) को और बेहतर किया जाए। इस कदम से कंपनी अपने वित्तीय प्रदर्शन को मजबूत बनाकर शेयर बाजार में लिस्टिंग के समय अधिकतम वैल्यूएशन प्राप्त करना चाहती है।
200 अरब डॉलर की वैल्यू पर नजर
रिलायंस रिटेल की लिस्टिंग से सिंगापुर की GIC, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, KKR, TPG, सिल्वर लेक और अन्य प्रमुख वैश्विक निवेशकों को एग्जिट का मौका मिलेगा, जिन्होंने पहले से कंपनी में हिस्सेदारी ली हुई है।
कंपनी का मौजूदा प्रदर्शन
रिलायंस रिटेल फिलहाल अपने विभिन्न फॉर्मेट्स जैसे रिलायंस स्मार्ट, फ्रेशपिक, रिलायंस डिजिटल, जियोमार्ट, ट्रेंड्स, 7-इलेवन और रिलायंस ज्वेल्स का संचालन कर रही है। वहीं, रिलायंस कंज्यूमर को डीमर्ज करने की प्रक्रिया सितंबर के अंत तक पूरी होने की संभावना है।
वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 38.7 अरब डॉलर का रेवेन्यू और 2.9 अरब डॉलर का ऑपरेश्नल प्रॉफिट दर्ज किया। EBITDA मार्जिन 8.6% रहा, जो जून तिमाही में मामूली बढ़कर 8.7% पर पहुंच गया। यह आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है और यह लिस्टिंग के लिए पूरी तरह तैयार हो रही है।
क्या है रणनीति?
रिलायंस की रणनीति साफ है- पहले जियो का IPO लॉन्च करके पूंजी जुटाना और फिर रिलायंस रिटेल को लिस्ट कराना। इस क्रम में कंपनी अपने बिजनेस यूनिट्स को व्यवस्थित कर रही है, ताकि निवेशकों को अधिकतम लाभ और पारदर्शिता मिल सके।
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो 2027 तक रिलायंस रिटेल की लिस्टिंग भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ बन सकती है। अब देखना यह होगा कि मुकेश अंबानी इस रणनीति को कैसे अमल में लाते हैं और निवेशकों को कितना बड़ा रिटर्न दिला पाते हैं।

