New Delhi: सरकार द्वारा लागू किए गए GST 2.0 के तहत 453 वस्तुओं की टैक्स दरों की समीक्षा की गई, जिसमें से 413 वस्तुओं पर टैक्स दरों में कटौती की गई है, जबकि केवल 40 वस्तुओं पर दरें बढ़ाई गई हैं। यह बदलाव उपभोक्ताओं को राहत देने और महंगाई पर काबू पाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
295 जरूरी वस्तुओं पर भारी राहत
इनमें से 295 वस्तुएं ऐसी हैं, जिन पर पहले 12% टैक्स लगता था, लेकिन अब इन्हें घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है। इनमें मुख्य रूप से खाद्य पदार्थ शामिल हैं। इस कटौती से खुदरा महंगाई दर में 0.75% तक कमी आने की उम्मीद जताई गई है।
हाइलाइट्स
- 17 वस्तुओं पर टैक्स को 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया।
- 19 वस्तुओं को 12% से बढ़ाकर 18% किया गया।
- वहीं, 29 वस्तुओं को 28% से घटाकर 18% के स्लैब में लाया गया है।
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महंगाई पर पड़ेगा सकारात्मक असर
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 2026-27 तक खाद्य वस्तुओं पर टैक्स कटौती से 0.25 से 0.30% तक और सेवाओं की दरों को युक्तिसंगत बनाने से 0.40 से 0.45% तक कुल 0.75% महंगाई में गिरावट हो सकती है। इससे आम जनता को सीधी राहत मिलेगी।
राजस्व घाटा सीमित, खपत से होगा संतुलन
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026-27 में सरकार को कुल 25,794 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष (अक्टूबर से मार्च) में यह घाटा घटकर केवल 3,700 करोड़ रुपये रह जाएगा। खपत में वृद्धि की वजह से राजस्व में यह नुकसान संतुलित हो जाएगा और राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बीमा क्षेत्र को मिलेगी दोहरी राहत
GST 2.0 में बीमा सेवाओं पर टैक्स में छूट देकर इस क्षेत्र को दोहरी राहत दी गई है। इससे मौजूदा ग्राहक अपनी बीमा राशि बढ़ा सकेंगे और नए ग्राहक स्वास्थ्य व टर्म बीमा खरीदने के लिए आकर्षित हो सकते हैं।
राज्यों को भी मिला कर लगाने का अधिकार
तंबाकू और शराब जैसे उत्पादों पर GST के अलावा राज्य भी उत्पाद शुल्क लगा सकते हैं। तंबाकू पर पहले से 28% टैक्स और 11-290% उपकर लागू है, जो क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने तक जारी रहेगा।GST 2.0 का उद्देश्य आम जनता को महंगाई से राहत देना और आर्थिक संतुलन बनाए रखना है। खाद्य पदार्थों और बीमा क्षेत्र में छूट से जहां जनता को राहत मिलेगी, वहीं सरकार ने भी संतुलित ढंग से टैक्स संग्रह को मैनेज करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।