New Delhi: केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) के ढांचे में ऐतिहासिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई जीएसटी काउंसिल के मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST 2.0 की रूपरेखा पेश की। उन्होंने कहा कि नए टैक्स स्ट्रक्चर से आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों (MSMEs) को राहत मिलेगी।
GST 2.0 में क्या होगा नया?
वर्तमान में जीएसटी के तहत 5%, 12%, 18% और 28% के चार टैक्स स्लैब लागू हैं। लेकिन नए प्रस्ताव के तहत सिर्फ दो टैक्स स्लैब रखने की बात कही गई है 5% और 18%। इसके अलावा, पान मसाला, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग जैसी ‘सिनफुल गुड्स’ पर 40% तक टैक्स वसूलने का सुझाव है।
सीतारमण ने कहा, ‘GST 2.0 के आने से टैक्स प्रणाली न केवल आसान और पारदर्शी होगी, बल्कि यह देश की आर्थिक वृद्धि को भी बल देगी। यह सुधार देश को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम प्रदान करेगा।’
Union Minister for Finance and Corporate Affairs Smt. @nsitharaman today addressed the Group of Ministers (GoMs) constituted by the GST Council on Compensation Cess, Health & Life Insurance, and Rate Rationalisation at Vigyan Bhawan, New Delhi. Union Minister of State for… pic.twitter.com/hMRFOCwXBF
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 20, 2025
किन क्षेत्रों को होगा सबसे अधिक फायदा?
वित्त मंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर बताया कि इस बदलाव से जरूरी सामान की कीमतों में कमी आएगी, जिससे आम जनता को सीधा लाभ होगा। साथ ही उपभोग में बढ़ोतरी भी देखी जाएगी। इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टैक्स दरों को सरल बनाने से टैक्स चोरी में कमी आएगी और सरकार की राजस्व वसूली में पारदर्शिता आएगी।
GST 2.0 के तीन मुख्य पिलर
स्ट्रक्चरल रिफॉर्म: टैक्स ढांचे में मूलभूत बदलाव
दरों का सरलीकरण: कम टैक्स स्लैब, सरल गणना
जीवन को आसान बनाना: उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों के लिए सहूलियत
आगे क्या होगा?
बैठक में वित्त मंत्री का लगभग 20 मिनट का संबोधन रहा, जिसमें उन्होंने राज्यों से इस प्रस्तावित बदलाव का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने बताया कि आने वाले हफ्तों में केंद्र और राज्य मिलकर इस पर अंतिम सहमति बनाएंगे।
GoM की अगली बैठक 21 अगस्त को प्रस्तावित है, जिसमें टैक्स स्लैब के सरलीकरण के अलावा, इंश्योरेंस टैक्स और मुआवजा उपकर पर भी चर्चा की जाएगी।