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Banking License 2025: भारत में जल्द खुल सकते हैं नए बैंक, एक दशक बाद सरकार और आरबीआई जारी कर सकती है लाइसेंस

करीब एक दशक के लंबे अंतराल के बाद भारत सरकार और आरबीआई फिर से बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जल्द ही देश में नए बैंकों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, जिससे आर्थिक विकास को नया बल मिलेगा।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Banking License 2025: भारत में जल्द खुल सकते हैं नए बैंक, एक दशक बाद सरकार और आरबीआई जारी कर सकती है लाइसेंस

New Delhi: भारत में बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने और दीर्घकालिक विकास की गति को तेज करने के लिए अब एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है। करीब एक दशक के बाद फिर से नए बैंकों को लाइसेंस जारी करने की संभावना बन रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हो रही है।

भारत में आखिरी बार 2014 में नए बैंकों के लिए लाइसेंस जारी किए गए थे। इसके बाद से यह प्रक्रिया रुकी हुई है। लेकिन अब देश की महत्वाकांक्षी आर्थिक योजनाओं को देखते हुए सरकार और आरबीआई इस सेक्टर को दोबारा गति देने के मूड में हैं।

बड़ी कंपनियों और NBFC को भी मिल सकता है मौका

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार नए बैंक लाइसेंस के लिए बड़ी कंपनियों को भी आवेदन की इजाजत मिल सकती है, लेकिन उनके शेयरहोल्डिंग पर कुछ सीमाएं निर्धारित की जा सकती हैं। इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को पूर्ण बैंकिंग सेवाओं में बदलने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी विचार हो रहा है।

भारत में बैंकिंग सेक्टर (सोर्स-गूगल)

इस कदम से उन कंपनियों को फायदा होगा जो लंबे समय से फुल बैंकिंग लाइसेंस का इंतजार कर रही हैं। साथ ही, विदेशी निवेशकों को भी बैंकिंग सेक्टर में आसान एंट्री देने की रणनीति पर चर्चा हो रही है।

निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी

हालांकि सरकार और आरबीआई की ओर से अभी तक इस विषय में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन बाजार में इसका प्रत्यक्ष प्रभाव देखने को मिला है। उदाहरण के लिए Nifty PSU Bank इंडेक्स जो शुरुआती ट्रेड में 0.8% गिर गया था, वह दोपहर बाद 0.5% तक चढ़ गया।

विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह कदम जमीन पर उतरता है तो इससे बैंकिंग सेक्टर में नई जान आएगी और रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा।

2016 में रुकी थी प्रक्रिया

गौरतलब है कि 2016 में कई औद्योगिक घरानों और व्यवसायिक समूहों ने बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। लेकिन तब नीतिगत असहमति और पारदर्शिता की चिंता के चलते यह प्रक्रिया रोक दी गई थी। अब जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की ओर बढ़ रहा है, तो सरकार को बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है।

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