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Bihar Assembly Election: केजरीवाल ने कांग्रेस से क्यों तोड़ा नाता? बिहार में AAP का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है जिससे सियासत और भी तेज हो गई है।
Post Published By: Jay Chauhan
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Bihar Assembly Election: केजरीवाल ने कांग्रेस से क्यों तोड़ा नाता? बिहार में AAP का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान

पटना: बिहार विधान सभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी राजनीतिक दलों ने बिहार में आगामी चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है। सभी पार्टियां बिहार में सियासी जमीन तलाश रही हैं। इसी साल के आखिर तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं।

इस बार मुकाबला कड़ा लग रहा है क्योंकि कई दल चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।  दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी बिहार में चुनाव लड़ने जा रही है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में अपने कंडीडेट उतारेगी। वह इस चुनाव में काग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी।

दिल्ली में गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में उन्होंने यह भी साफ किया है कि कांग्रेस पार्टी के साथ आम आदमी पार्टी का कोई गठबंधन नहीं है। आईएनडीआईए गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था।

आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि हमने बिहार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है। आप राज्य की सभी विधानसभा सीटों (243 सीटों) पर चुनाव लड़ेगी।

देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सत्ता से परास्त होने के बाद आप की नजर देशभर में अपनी राजनीतिक साख को मजबूत करने की है। इसमें बिहार जैसा चुनावी राज्य भी शामिल है। यहां पर इंडिया गठबंधन बीजेपी के एनडीए से मुकाबला कर रहा है।

पंजाब ही अकेला ऐसा राज्य बचा हुआ है जहां पर आम आदमी पार्टी सत्ता में काबिज है। प्रशासन के साथ-साथ पार्टी संगठन को भी मजबूत करने का प्रयास कर रही है।

वहीं बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर भी सियासी घमासान मचा हुआ है। जिस पर चुनाव आयोग ने  22 साल बाद हो रहे इस व्यापक अभियान के तहत निर्वाचन आयोग के कर्मचारी घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर रहे हैं. यह प्रक्रिया जुलाई के अंत तक चलेगी। जिसके बाद मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

तेजस्वी ने कहा कि अब चुनाव आयोग का 25 दिन में प्रक्रिया पूरी करने की बात कहना संदेह उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने इस पूरी कवायद को गरीब और वंचित-शोषित मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश बताया और सवाल किया कि यह प्रक्रिया केवल बिहार में ही क्यों?

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