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उत्तरकाशी: उफनती नदी में बहे दो बकरी पालक, गांव में पसरा सन्नाटा, रेस्क्यू जारी

उत्तराखंड में मानसून सीजन ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां उफान पर है। पहाड़ों से चट्टानें दरक कर सड़क पर आ रही हैं।
Post Published By: Jay Chauhan
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उत्तरकाशी: उफनती नदी में बहे दो बकरी पालक, गांव में पसरा सन्नाटा, रेस्क्यू जारी

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से रविवार को एक दुखद घटना सामने आई है। शनिवार देर शाम को हर्षिल क्षेत्र में जालंदरी नदी में दो बकरी पालक बह गए। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और राहत-बचाव टीमों में हड़कंप मच गया। मौके पर एसडीआरएफ, पुलिस, वन विभाग और राजस्व विभाग की टीमें तत्काल रवाना की गईं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार यह हादसा भटवाड़ी तहसील के हर्षिल से लगभग 14-15 किलोमीटर दूर, दुर्गम पैदल मार्ग पर स्थित क्यारकोटि क्षेत्र में हुआ।

जानकारी के अनुसार दोनों बकरी पालक रोजाना की तरह अपने मवेशियों को चराने के लिए निकले थे। इसी दौरान जालंदरी नदी पार करते समय वे तेज बहाव में बह गए।

राहत एवं बचाव अभियान में जुटी टीमें

घटना की सूचना मिलते ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की 6 सदस्यीय टीम, वन विभाग के 4 कर्मचारी, पुलिस के 4 जवान, राजस्व विभाग के 2 कर्मी और स्थानीय ग्रामीणों को मौके के लिए रवाना किया गया।

इसके अतिरिक्त, 2 खच्चर और 2 पोर्टर भी राहत सामग्री और उपकरणों के साथ रवाना किए गए हैं।

ग्रामीणों  ने बताया कि पानी का बहाव अचानक बढ़ा। हम सबने कोशिश की, लेकिन वो पानी में समा गए। अभी तक कोई सुराग नहीं है।

क्यारकोटि गांव के एक बुजुर्ग ने रोते हुए कहा कि हमारी रोज़ी-रोटी ही बकरियों पर है। दो जवान लड़के हमारे सामने बह गए। जालेन्दरी गाड़ तो हमेशा खतरनाक रही है, पर ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा।

SDRF ने कहा कि इलाका बेहद कठिन और खतरनाक है। उफनती जालेन्दरी गाड़ के पास चट्टानें खिसकने और पानी के अचानक बढ़ने का खतरा लगातार बना हुआ है। लेकिन हम हर हाल में तलाश पूरी करेंगे।

इस घटना से हर्षिल, झाला और बगोरी के गांवों में मातम पसरा है। लोग अपने साथी बकरी पालकों के लिए दुआ कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार रात भर बचाव दल ने घटनास्थल पर डेरा डाला और तलाश जारी रखी।
बचाव दल ने बताया कि यह इलाका बहुत ही जोखिम भरा है, जिसमें चट्टानें खिसकने और पानी का बहाव अचानक बढ़ने का खतरा लगातार बना हुआ है।

ग्रामीणों के अनुसार यह घटना क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ा सदमा है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आजीविका बकरियों पर निर्भर है। 

 

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