Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली विकासखंड के धारकुंडी गांव में भालू ने घास लेने गई महिलाओं पर हमला किया, जिससे एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और छह अन्य महिलाएं घायल हो गईं। ये महिलाएं जंगल में घास लेने के लिए गई थीं, तभी भालू ने अचानक हमला कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद महिलाओं ने किसी तरह शोर मचाकर अपनी जान बचाई और भालू वहां से भाग गया।
घटना की जानकारी
यह घटना उस समय हुई जब महिलाएं रोज़ की तरह जंगल में घास लेने गई थीं। भालू ने अचानक हमला कर दिया, जिसके कारण एक महिला को गंभीर चोटें आईं, जबकि अन्य छह महिलाएं भी घायल हो गईं। घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, जबकि बाकी महिलाएं प्राथमिक उपचार के बाद घर लौट आईं।
रुद्रप्रयाग के धारकुंडी गांव में भालू ने महिलाओं पर हमला किया, जिससे एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और 6 अन्य महिलाएं चोटिल हो गईं। भालू का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे क्षेत्र के लोग डर के माहौल में जी रहे हैं।#Rudraprayag #BearAttack #WildlifeThreat #BearTerror pic.twitter.com/HM5xYOGtr1
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 14, 2025
इन दिनों धारकुंडी और आसपास के क्षेत्रों में भालू का आतंक बढ़ गया है। भालू न केवल दिन के समय गांवों में घूम रहा है, बल्कि रात में गौशालाओं में घुसकर पशुओं को भी नुकसान पहुंचा रहा है। कई पशु घायल हो चुके हैं और कई को नुकसान भी हुआ है। यह घटना दर्शाती है कि भालू के हमलों से लोगों की जान-माल को गंभीर खतरा हो सकता है।
भालू के हमलों का बढ़ता खतरा
जखोली क्षेत्र में भालू का आतंक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अब भालू दिन के समय भी गांवों में घूमने आ रहे हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। रात को भालू गौशालाओं को तोड़कर किसानों के पशुओं को नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग उठ रही है।
वहीं, स्थानीय वन विभाग का कहना है कि वे लगातार भालू के आतंक को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन भालू के हमलों को पूरी तरह से रोक पाना आसान नहीं है। विभाग ने ग्रामीणों को भालू से बचाव के उपाय भी बताए हैं, लेकिन असल चुनौती तो यह है कि भालू को गहरे जंगल से बाहर निकलने से कैसे रोका जाए।
ग्रामीणों की सुरक्षा के उपाय
भालू के हमलों से बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन और वन विभाग ने कुछ उपाय सुझाए हैं। इनमें गांवों के आसपास पिंजरे लगाए जाने, निगरानी बढ़ाने और ग्रामीणों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने की बात की गई है। इसके अलावा, वन विभाग ने ग्रामीणों को रात को अपने पशुओं को सुरक्षित रखने और जंगलों में अकेले न जाने की सलाह दी है।

