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Rudraprayag: गुलदार ने शख्स पर किया हमला, श्रीनगर बेस अस्पताल भर्ती

उत्तराखंड में आदमखोर जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। आए दिन इंसानों पर जंगली जानवरों के हमले की खबरे आती रहती हैं।
Post Published By: Jay Chauhan
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Rudraprayag: गुलदार ने शख्स पर किया हमला, श्रीनगर बेस अस्पताल भर्ती

Rudraprayag: जनपद में अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के नवासू ग्राम पंचायत के सारगढी गांव में गुलदार ने एक शख्स पर हमला कर दिया जिससे युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल शख्स को श्रीनगर बेस अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है।

गुलदार का हमला नवासू ग्राम पंचायत के सारगढ़ी गांव में हुआ। घटना रविवार सुबह की है। हमले में घायल युवक की पहचान दीवान सिंह भंडारी के रूप में हुई है।

गुलदार ने शख्स पर किया हमला, श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर

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ग्रामीणों ने बताया कि घायल को खेड़ाखाल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ले गया। जहां पर सारा स्टाफ नदारद था और अस्पताल में ताले लगे मिले।  जानकारी के अनुसार अस्पताल में दो -दो विंग चलती हैं लेकिन अस्पताल में डाक्टर सहित अन्य कर्मचारी भी नदारत थे।

जानकारी के अनुसार युवक घर से कुछ दूरी पर अपनी गाय को चुगाने गए थे। इस दौरान गुलदार ने युवक पर अचानक से हमला कर दिया। ग्रामीण घायल व्यक्ति को स्थानीय अस्पताल पीएसी खेड़ाखाल ले गये। जहां अस्पताल में ताले लगे हुए थे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थित है। इस अस्पताल में कम से कम 17 स्टाफ नियुक्त है लेकिन अस्पताल में ताले लटके हुए है। इमरजैन्सी भी बंद पडी हुई हैं।

इस बाबत जब रूद्रप्राग के सीएमओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आज संडे है। लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि इस अस्पताल में दोनों बिगं चलती है। आर्युवेदिक और एलोपैथिक। दोनों स्टाफ नदारत हैं। आनन फानन में घायल व्यक्ति को लोग श्रीनगर अस्पताल ले गये।

बताया जा रहा है कि जो व्यक्ति घायल हुआ उसके हाथों पर और पीठ पर गुलदार ने हमला किया। व्यक्ति द्धारा शोर गुल किया जिसके बाद गुलदार वहां से भाग गया। गुलदार के साथ उसका बच्चा भी है जिससे वो आक्रोशित हो गया और हमला कर दिया।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि इमरजेंसी के समय जब लोगों को उपचार ही नहीं मिलता है तो ऐसे डाक्टरों और ऐसे कर्मचारियें का क्या करना है। जब एक गोली दवाई के लिए श्रीनगर, रूद्रप्रयाग और पौड़ी जाना पड़ता है। जब समय पर लोगों का उपचार ही नहीं होना है तो लाखों का वेतन इन कर्मचारियों को क्यों दिया जाता है। स्थानीय लोगों में अस्पताल को लेकर रोष है।

विधायक भरत सिहं चौधरी को भी इसका संज्ञान लेने को कहा गया है।

 

 

 

 

 

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