Site icon Hindi Dynamite News

Rishikesh: मस्तराम घाट पर गंगा में बहे 2 लोग, तलाश में जुटी एसडीआरएफ

ऋषिकेश में शुक्रवार को दो अज्ञात लोगों के गंगा के तेज बहाव में डूबने की खबर है।
Post Published By: Jay Chauhan
Published:
Rishikesh: मस्तराम घाट पर गंगा में बहे 2 लोग, तलाश में जुटी एसडीआरएफ

ऋषिकेश: मस्तराम घाट पर गंगा में नहा रहे दो युवक शुक्रवार को गंगा के तेज बहाव में बह गए। एसडीआरएफ की टीम दोनों की तलाश में जुटी है।
जानकारी के अनुसार अभी तक दोनों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार घटना सुबह करीब साढ़े दस बजे की है।

जानकारी के अनुसार थाना लक्ष्मणझूला पुलिस को सूचना मिली कि मस्तराम घाट पर दो लोग नदी में बह गए। सूचना मिलते ही पुलिस टीम और एसडीआरएफ मौके पर पहुंची और तलाश शुरू की। सभी संभावित स्थानों पर और पशुलोक बैराज तक तलाश की गई, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। गंगा में बहे व्यक्तियों की शिनाख्त नहीं हो पाई है कि वे कौन लोग थे और कहां से आये थे।

बता दें कि मानसून के मौसम में गंगा का जलस्तर बढ़ जाता है। गंगा का पानी घाटों तक पहुंच जाता है। पानी का वेग सामान्य से कई अधिक हो जाता है। ऋषिकेश में गंगा के कई घाट बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन इनमें से कुछ घाट जानलेवा साबित हो रहे हैं।

लक्ष्मणझूला क्षेत्र में मस्तराम बाबा घाट, किरमोला घाट, नाव घाट, बांबे घाट, गोवा बीच, गरूड़ चट्टी और फूल चट्टी घाट असुरक्षित माने जाते हैं।

प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी देने और घाटों पर चेतावनी बोर्ड लगाने के बावजूद पर्यटक लापरवाही बरतते हैं और खतरनाक घाटों तक पहुंच जाते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि कई बार दर्दनाक हादसे हो जाते हैं। ऋषिकेश, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला और रायवाला थाना क्षेत्रों में गंगा घाटों पर डूबने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

इनमें से अधिकतर घाट ऐसे हैं जिन्हें स्नान के लिए अधिकृत नहीं किया गया है, क्योंकि यहां जलस्तर सामान्य रूप से काफी ऊंचा होता है। बावजूद इसके पर्यटक फोटो या रोमांच के चक्कर में जोखिम उठाते हैं और जान पर बन आती है।

पुलिस का कहना है कि चेतावनी बोर्ड लगे होने के बाद भी पर्यटक नदी में आगे चले जाते हैं। ऐसे में जान का खतरा रहता है। एसडीआरएफ और पुलिस ने अपील की है कि नदी का जलस्तर बहुत बढ़ गया है, बिल्कुल भी नदी किनारे न जाएं, सुरक्षित घाटों का इस्तेमाल करें।

एसडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि नदी का जलस्तर और बहाव में तेजी होने के कारण बचाव अभियान में परेशानी हो रही है।

Exit mobile version