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देहरादून के लिए आज का दिन ऐतिहासिक, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिए ये दो खास तोहफे

देहरादून स्थित राष्ट्रपति निकेतन में आज इतिहास रच गया, जब महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दो प्रमुख परियोजनाओं फुट ओवर ब्रिज और घुड़सवारी क्षेत्र का लोकार्पण किया। इन दोनों सुविधाओं ने राष्ट्रपति निकेतन को आधुनिकता और परंपरा के अद्भुत संगम में बदल दिया है, जो उत्तराखंड की स्थापत्य कला और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है।
Post Published By: Mayank Tawer
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देहरादून के लिए आज का दिन ऐतिहासिक, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिए ये दो खास तोहफे

Dehradun: देहरादून का राष्ट्रपति निकेतन आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना जब भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां दो अत्याधुनिक परियोजनाओं फुट ओवर ब्रिज और घुड़सवारी क्षेत्र (Equestrian Zone) का लोकार्पण किया। इन दोनों परियोजनाओं ने न केवल निकेतन की उपयोगिता और सुरक्षा को बढ़ाया है, बल्कि इसे आधुनिक भारत की परंपरा, संस्कृति और नवाचार का प्रतीक भी बना दिया है।

105 फीट लंबा पुल, परंपरा में समाई आधुनिकता

राजपुर रोड पर निर्मित 105 फीट लंबा फुट ओवर ब्रिज अब राष्ट्रपति निकेतन को आने वाले राष्ट्रपति उद्यान से जोड़ता है। यह पुल उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा लगभग 9 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। पुल की डिज़ाइन में हिमालयी स्थापत्य की झलक साफ दिखाई देती है। इस पुल में रैंप, रेलिंग और विकलांगजन-अनुकूल ढांचा शामिल है, जिससे यह सभी के लिए सुलभ है। राजपुर रोड पर बढ़ते यातायात के बीच यह ब्रिज अब स्थानीय लोगों और आगंतुकों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा।

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घुड़सवारी क्षेत्र बना सुरक्षा परंपरा का प्रतीक

राष्ट्रपति मुर्मू ने इसके साथ ही 0.7 एकड़ क्षेत्र में निर्मित आधुनिक घुड़सवारी क्षेत्र का उद्घाटन भी किया। सीपीडब्ल्यूडी द्वारा विकसित यह क्षेत्र राष्ट्रपति की सुरक्षा टुकड़ी की ऐतिहासिक परंपरा का आधुनिक रूप प्रस्तुत करता है। इसमें आठ घोड़ों की क्षमता वाला अस्तबल, घोड़ों के उपचार और स्नान के कक्ष, चार प्रशिक्षण कक्ष और आगंतुकों के लिए दर्शक दीर्घा बनाई गई है। यह क्षेत्र न केवल प्रशिक्षण का केंद्र होगा, बल्कि राष्ट्रपति निकेतन की सुरक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाएगा।

आम जनता के लिए भी खुलेगा परिसर

इन परियोजनाओं की एक बड़ी विशेषता यह है कि राष्ट्रपति निकेतन की नई सुविधाएं अब आम जनता के लिए भी खुली रहेंगी। लोग सोमवार को छोड़कर प्रति दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यहां भ्रमण कर सकेंगे। साथ ही, ‘राष्ट्रपति सर्किट’ के अंतर्गत Guided Tours की व्यवस्था भी की गई है, जिससे आगंतुक राष्ट्रपति निकेतन की स्थापत्य कला, विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य को नजदीक से देख सकेंगे।

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राष्ट्रपति ने की उत्तराखंड की स्थापत्य शैली की सराहना

लोकार्पण समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “राष्ट्रपति निकेतन आधुनिकता और परंपरा के संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पहल न केवल सुरक्षा और संरचना को मजबूत करती है, बल्कि यह नई पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से भी जोड़ती है।” उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और स्थानीय वास्तुकला की भी प्रशंसा की।

गौरव और विरासत का नया प्रतीक

इन परियोजनाओं के लोकार्पण के साथ राष्ट्रपति निकेतन अब राष्ट्रीय गौरव, स्थापत्य सौंदर्य और पर्यावरणीय संतुलन का प्रतीक बन गया है। यह परिसर अब केवल एक प्रशासनिक संरचना नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा और तकनीकी प्रगति के मेल का जीवंत उदाहरण बन चुका है। देहरादून के राष्ट्रपति निकेतन का यह नया स्वरूप आने वाले समय में न केवल उत्तराखंड की पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत को भी नई दिशा प्रदान करेगा।

 

 

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