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Nainital Rape Case: दुष्कर्म के आरोपी उस्मान पर मुस्लिम समाज ने लिया ये एक्शन

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बालिका से दुष्कर्म के आरोपी उस्मान के खिलाफ कठोर निर्णय लिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Nainital Rape Case: दुष्कर्म के आरोपी उस्मान पर मुस्लिम समाज ने लिया ये एक्शन

नैनीताल: जनपद में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म की हृदयविदारक घटना ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के आरोपी उस्मान को पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कड़ा फैसला लेते हुए दुष्कर्म के आरोपी ठेकेदार मोहम्मद उस्मान खान को समुदाय से निष्कासित कर दिया।

जानकारी के अनुसार इस घटना के सामने आने के बाद पूरे नैनीताल क्षेत्र में भारी आक्रोश देखने को मिला। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन आरोपी को कठोर सजा दिलवाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, पीड़िता और उसका परिवार गहरे सदमे में है और प्रशासन से न्याय की आस लगाए बैठा है। घटना के बाद मुस्लिम समुदाय ने इस अपराध की कड़ी भर्त्सना की है।

आईजी कार्यालय के पास पुलिस और आक्रोशित लोगों की भीड़

अंजुमन इस्लामिया के सदर सोएब अहमद ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि आरोपी उस्मान के इस अमानवीय कृत्य को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि धर्म, जाति या समुदाय का आधार बनाकर अपराधियों को संरक्षण नहीं दिया जाएगा।

समुदाय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी उस्मान को मुस्लिम समाज से निष्कासित कर दिया है। अब उसे किसी भी मस्जिद में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी और समाजिक रूप से उसका पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। सोएब अहमद ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए।

पीड़िता के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में भी मुस्लिम समाज ने महत्वपूर्ण पहल की है।

अंजुमन इस्लामिया ने घोषणा की है कि पीड़िता की संपूर्ण शिक्षा और चिकित्सा का खर्च संगठन द्वारा उठाया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बच्ची के जीवन को दोबारा सामान्य बनाने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

सोएब अहमद ने आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि नैनीताल अब पूरी तरह से शांत और सुरक्षित है। उन्होंने पर्यटकों को आश्वस्त किया कि यहां का माहौल सामान्य है और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है।

अंत में उन्होंने प्रशासन से अपील की कि बाहरी लोगों का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए और जो लोग इस संवेदनशील मामले में अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

यह मामला केवल कानून व्यवस्था से जुड़ा नहीं है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों का भी परीक्षण है। ऐसे में समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर पीड़ित के पक्ष में खड़ा होना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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