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Lalkuan News: खबर का असर! झोलाछाप डॉक्टरों पर टूटी स्वास्थ्य विभाग की गाज़; जानिए पूरा अपडेट

झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रकाशित हो रही खबरों के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
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Lalkuan News: खबर का असर! झोलाछाप डॉक्टरों पर टूटी स्वास्थ्य विभाग की गाज़; जानिए पूरा अपडेट

लालकुआं: सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में लगातार उठ रही आवाजों का असर आखिरकार दिखने लगा है। झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रकाशित हो रही खबरों के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। लंबे समय से लालकुआं और आसपास के ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल फैला हुआ था, जिस पर अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है।

झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, नैनीताल के जिला अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश के बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लालकुआं और बिंदुखत्ता क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई की। इस छापेमारी का नेतृत्व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्वेता भंडारी ने किया। टीम में एनसीडी नोडल अधिकारी हल्द्वानी डॉ. चंद्र पंत और कनिष्ठ सहायक अभिषेक सौदे भी शामिल रहे।

कार्रवाई के तहत टीम ने चार प्रमुख क्लिनिक और मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की, जिनमें शामिल हैं:
(1) मनोहर मेडिकल (बंगाली क्लिनिक),
(2) गंगवार मेडिकल क्लिनिक,
(3) खुशी मेडिकल स्टोर,
(4) जोशी मेडिकोज।

सभी प्रतिष्ठानों को सख्त चेतावनी

छापेमारी के दौरान इन सभी संस्थानों में भारी अनियमितताएं पाई गईं। इनमें से कई जगह बिना पंजीकरण, बिना योग्य डॉक्टर के इलाज, और बिना लाइसेंस दवाइयों की बिक्री जैसे गंभीर उल्लंघन सामने आए। विभाग ने इन सभी प्रतिष्ठानों को सख्त चेतावनी देते हुए निर्देश दिए कि वे तीन कार्यदिवसों के भीतर अपने समस्त दस्तावेजों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल कार्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।

स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग की इस अचानक हुई सख्त कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। आम जनता ने इस कदम की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि आगे भी इस तरह की मुहिम जारी रहेगी ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।

स्वास्थ्य विभाग की यह पहल न केवल कानून व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे आम जनता को सुरक्षित और प्रमाणिक चिकित्सा सुविधा दिलाने की दिशा में भी एक अहम कदम माना जा रहा है। बता दें कि, यह कोई पहला मामला नहीं है इस तरह के मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके हैं। जिसके चलते ही झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई है।

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