नैनीताल पुस्तकालय जीर्णोद्धार में भ्रष्टाचार का शक, हाईकोर्ट ने नगर पालिका और सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल के ऐतिहासिक दुर्गा शाह पुस्तकालय के जीर्णोद्धार में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। न्यायालय ने नगर पालिका और राज्य सरकार से चार हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस घोटाले से सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 9 September 2025, 11:47 AM IST

Nainital: नैनीताल की झील किनारे स्थित ऐतिहासिक दुर्गा शाह नगरपालिका पुस्तकालय के जीर्णोद्धार में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग का मामला अब उत्तराखंड हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने इस गंभीर मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नगर पालिका और राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर पूरी जानकारी प्रस्तुत करने को कहा है।

पुस्तकालय का ऐतिहासिक महत्व और जीर्णोद्धार

जनहित याचिका में बताया गया है कि इस पुस्तकालय का निर्माण वर्ष 1933-34 में मोहन लाल साह ने 5,000 रुपये नगर पालिका को दान स्वरूप देकर कराया था। यह पुस्तकालय लकड़ी और अन्य पारंपरिक सामग्री से निर्मित था और इसमें कई दुर्लभ व महत्वपूर्ण पुस्तकें रखी गईं। उस समय यहां से लाउडस्पीकर के माध्यम से समाचार भी प्रसारित किए जाते थे, जो इसे एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र बनाता था।

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वर्ष 2023-24 में कार्यदायी संस्था एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की देखरेख में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार किया गया और पुनः नगर पालिका को सौंपा गया।

घटिया निर्माण सामग्री से हुई स्थिति खराब

हालांकि, मात्र डेढ़ साल के भीतर पुस्तकालय की हालत काफी खराब हो गई है। निर्माण में इस्तेमाल की गई लकड़ी और शीशे कई जगहों से उखड़ने लगे हैं। इन कमजोर हिस्सों को रस्सी से बांधकर सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कोई बड़ा हादसा न हो।

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस स्थिति के पीछे घटिया गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री का इस्तेमाल है, जिससे न केवल पुस्तकालय की सुरक्षा खतरे में है, बल्कि सरकारी धन का भी दुरुपयोग हुआ है।

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हाईकोर्ट का कड़ा रुख और अगली कार्रवाई

नगर पालिका ने इस मामले की शिकायत राज्य सरकार को भेजी थी, लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है और नगर पालिका व राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर विस्तार से रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

यह फैसला सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। नैनीताल के इस ऐतिहासिक पुस्तकालय के जीर्णोद्धार में घटिया सामग्री के उपयोग से उत्पन्न स्थिति ने न केवल सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि जनता के भरोसे को भी ठेस पहुंचाई है। अब हाईकोर्ट की निगरानी में इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।

Location : 
  • Nainital

Published : 
  • 9 September 2025, 11:47 AM IST