Rishikesh: मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर कस्बे का निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हेमंत सोनी 16 अक्टूबर 2025 को ऋषिकेश में एक निर्माणाधीन पुल से गंगा नदी में गिर गया था। परिवार ने राज्य सरकार से तत्काल मदद की अपील की है और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर सर्च ऑपरेशन को तेज करने की अपील की है।
घटना की पूरी जानकारी
हेमंत सोनी 14 अक्टूबर को अपने दोस्त अक्षय सेठ के साथ पृथ्वीपुर से ऋषिकेश के लिए रवाना हुआ था। 15 अक्टूबर को वे दिल्ली पहुंचे और फिर 16 अक्टूबर को हेमंत अपने चचेरे भाई अमित के साथ ऋषिकेश पहुंचे। रात करीब 9 बजे, तीनों लक्ष्मण झूला के पास निर्माणाधीन बजरंग सेतु पुल पर गए। पुल पर न कोई सुरक्षा गार्ड था और न ही कोई चेतावनी या अवरोधक।
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हेमंत फोन पर बात करते हुए पुल के आगे बढ़ गए और अचानक गिरने की आवाज सुनाई दी। अमित ने तुरंत नजदीकी पुलिस चौकी को सूचित किया, लेकिन पुलिस की मदद देर से मिली। तेज बहाव और ठंड के कारण नाव से तलाश असंभव हो गई। अगले दिन 17 अक्टूबर को एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन नदी के तेज बहाव के कारण गोताखोरों को भी समस्या आई।
सर्च ऑपरेशन में कठिनाइयां
तेज बहाव और ठंड की वजह से सर्च ऑपरेशन में चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। ड्रोन से 8 किलोमीटर तक सर्च किया गया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। प्रशासन और स्थानीय टीमें लगातार हेमंत की खोज में जुटी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है।
हेमंत के परिवार का दर्द
हेमंत के परिवार में उसके पिता का निधन हो चुका है और वह तीन बहनों का इकलौता भाई था। परिवार के लिए हेमंत ही एकमात्र सहारा था। दीपावली की खुशियों के बीच, परिवार और पूरा मोहल्ला उसकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहा है। हेमंत के चाचा, भरत सोनी ने सरकार से हेलिकॉप्टर या एनडीआरएफ की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाने की मांग की है।
प्रशासन की पहल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर सर्च ऑपरेशन को तेज करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार पूरी कोशिश करेगी ताकि हेमंत की सुरक्षित वापसी हो सके। पृथ्वीपुर विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने भी मुख्यमंत्री से परिवार की हरसंभव मदद की अपील की है।
समाज और स्थानीय समुदाय का समर्थन
हेमंत के परिवार की अपील पर स्थानीय समाज और समुदाय भी सक्रिय है। मोहल्ले के लोग हर दिन हेमंत की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हर घर में दीप जलाने का समय, हेमंत के परिवार के लिए एक काले बादल की तरह मंडरा रहा है, लेकिन उम्मीद अभी भी जिंदा है।