Nainital: जिले में पिछले तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने हालात बुरी तरह बिगाड़ दिए हैं। कहीं नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है तो कहीं सड़कों पर यातायात ठप है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और राहत-बचाव कार्य में जुटा है।
बारिश का आंकड़ा चौंकाने वाला
मौसम विभाग के अनुसार, नैनीताल में पिछले दिनों में 174 मिमी, हल्द्वानी में 48 मिमी और कैची धाम में 55 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। जिले के अन्य हिस्सों में भी बारिश का यही सिलसिला जारी है। लगातार हो रही तेज बारिश ने लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं।
सड़क मार्गों पर पड़ा असर
भारी बारिश से एक राष्ट्रीय राजमार्ग, चार राज्य मार्ग, दो प्रमुख जिला मार्ग और बीस ग्रामीण सड़कें बंद हो गई हैं। जगह-जगह भूस्खलन और मलबा गिरने से यातायात पूरी तरह प्रभावित है। चोरगलिया और रामनगर समेत कई क्षेत्रों के नाले उफान पर हैं, जिससे रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। यात्रियों को घंटों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नदियों का जलस्तर बढ़ा
सबसे गंभीर हालात गौला, कोसी और नंधौर नदियों के हैं। गौला नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। वहीं कोसी और नंधौर नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने गौला बैराज के गेट खोलकर पानी छोड़ा है ताकि किसी बड़े हादसे को रोका जा सके।
बिजली और पानी की किल्लत
भारी बारिश का असर बिजली आपूर्ति और पेयजल सप्लाई पर भी पड़ा है। हैडाखान, ओखलकांडा, अमजड़, मीडार, सुवाकोट और पोखरी जैसे इलाकों में कई घंटों से बिजली गुल है। वहीं, कई जगह पेयजल आपूर्ति भी बाधित हो गई है। स्थानीय लोग बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।
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प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बरसाती नालों और नदियों के पास न जाएं। आपदा प्रबंधन की टीमें बंद सड़कों को खोलने और प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने में जुटी हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टीमें भी तैनात की जाएंगी।