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Dehradun: जंगल में पत्ते लेने गए दो युवकों पर जंगली जानवर ने किया हमला, 1 की मौत, दूसरा घायल

देहरादून के रायवाला के जंगल में दो युवकों पर जंगली जानवर के हमले ने क्षेत्र में दहशत पैदा कर दी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Jay Chauhan
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Dehradun: जंगल में पत्ते लेने गए दो युवकों पर जंगली जानवर ने किया हमला, 1 की मौत, दूसरा घायल

देहरादून: देहरादून में रायवाला के जंगल में शनिवार को दुखद हादसे की खबर है। ऋषिकेश रेंज के ग्वेला बीट के जंगल में पत्ते लेने गए दो युवकों पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया। जिसमें गंभीर रूप से घायल एक युवक की मौत हो गई। वहीं एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मृतक की पहचान राजू पुत्र मदन निवासी ब्रह्मपुरी हरिद्वार के रूप में हुई है।

जानकारी के अनुसार दो युवक वन विभाग की ऋषिकेश रेंज के गोला बीट में शादी विवाह में इस्तेमाल किए जाने वाले दोना पत्तल के लिए पत्ते लेने के लिए गए हुए थे। इसी दौरान एक जंगली जानवर ने उन पर हमला कर दिया।

पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

वन विभाग की टीम ने युवकों पर हमला करने वाले जंगली जानवर के बाघ होने की आशंका जताई है। इस घटना के बाद परिजनों में मातम का माहौल है। जबकि क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

बता दें कि बीते एक मई को जिम कॉर्बेट से पांच वर्षीय नर बाघ को राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में छोड़ गया था। कुछ दिन राजाजी टाइगर रिजर्व में रहने के बाद यह बाघ बड़कोट और ऋषिकेश रेंज होते हुए नरेंद्र नगर के जंगल में जा पहुंचा। तीन से चार दिनों तक बाघ की लोकेशन शिवपुरी रेंज में दिखाई दी। अब हाल में बाघ की लोकेशन ऋषिकेश रेंज के जंगल में बताई जा रही थी।

सूत्रों की मानें तो बाघ की वर्तमान लोकेशन घटनास्थल के आसपास की बताई जा रही थी। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि युवक पर हमला करने वाला वही बाघ है जिसे जिम कॉर्बेट से लाकर राजाजी टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था। इस मामले में पार्क अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए और मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

 

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