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Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड ने झकझोरा था देश को, जानिये तीन दरिंदों ने कैसे रची खौफनाक साजिश

अंकिता भंडारी बहुचर्चित हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट ने शुक्रवार को सजा का ऐलान कर दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Jay Chauhan
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Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड ने झकझोरा था देश को, जानिये तीन दरिंदों ने कैसे रची खौफनाक साजिश

कोटद्वार: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। जिसमें कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया। अब दोषियों की सजा पर उत्तराखंड और पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।

ये था मामला
अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की निवासी थी। वह यमकेश्वर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। करीब तीन साल पहले 18 सितंबर 2022 को उसकी हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या कर शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। लड़की के गायब होने के बाद माता-पिता ने उसे खोजने की कोशिश की।

इस मामले को लेकर राज्य भर में जबर्दस्त हंगामा और प्रदर्शन हुआ। इसके बाद पुलिस ने मामले में रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो कर्मियों सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया
आरोपियों ने गिरफ्तारियों के बाद 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर शव चीला नहर में फेंकने की बात स्वीकार की। घटना के एक सप्ताह बाद चीला नहर से अंकिता का शव बरामद किया गया।

तीनों दोषी उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। जिसका उसने विरोध किया। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।

पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।

एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया। तीनों हत्यारोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई।

करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई आज अंतिम मोड़ पर है।

मुख्य आरोपी पुलकित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का पुत्र है। मामला सामने आते ही पार्टी ने आर्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। मामले के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय लोग सड़क पर उतर गए और लोगों को शांत करने के वास्ते राज्य सरकार को मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करना पड़ा। साथ ही सरकार ने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का भी ऐलान किया था।

अंकिता भंडारी के माता-पिता बेटी के हत्याकांड में आरोपियों की फांसी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटी का इंसाफ चाहिए। आरोपियों को मामले में फांसी की सजा होनी चाहिए।

कोटद्वार कोर्ट की ओर से अंकिता भंडारी हत्याकांड में फैसले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया है। कोर्ट परिसर और बाहर में भारी संख्या में सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को तैयार रहने को कहा गया है।

पहले भी अंकित भंडारी केस के आरोपियों के खिलाफ कोर्ट परिसर और बाहर में हमले हो चुके हैं। इसको देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है।

इस मामले ने न केवल उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा, सत्ता संरक्षण और न्याय प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गहरी बहस भी छेड़ दी है। स्थानीय  लोगों की एक ही मांग है कि दोषियों को मृत्युदंड मिले। अब सबकी निगाहें अदालती फैसले पर टिकी हैं।

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