शाम के समय खेतों और जंगल की ओर जाना अब खतरे से खाली नहीं है। कई बार जंगली जानवरों की मौजूदगी देखी गई है, लेकिन अब सीधे हमले की घटना ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। उन्होंने प्रशासन से प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग की है। घटना की सूचना वन विभाग को दे दी गई है।

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Chamoli: केदारघाटी क्षेत्र के न्यालसू गांव में बुधवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब खेतों में काम कर रहे एक बुजुर्ग पर अचानक भालू ने हमला कर दिया। इस हमले में बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजनों और ग्रामीणों की मदद से उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से हालत नाजुक होने पर हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। घटना के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
कब और कैसे हुआ हमला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को लगभग साढ़े तीन बजे सांय न्यालसू-रामपुर क्षेत्र के साढ़ा तोक निवासी मंगल सिंह (55 वर्ष), पुत्र बच्चन सिंह, अपनी गौशाला के पास स्थित खेतों की ओर गए हुए थे। बताया जा रहा है कि खेतों के पास झाड़ियों में पहले से छिपा एक भालू अचानक बाहर निकला और मंगल सिंह पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से मंगल सिंह को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
शोर-शराबा बढ़ता देख भालू जंगल की ओर भाग गया
भालू के हमले में मंगल सिंह के सिर और जबड़े पर गंभीर चोटें आई हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भालू ने उन पर कई बार वार किया, जिससे वह जमीन पर गिर पड़े। हमले के दौरान मंगल सिंह की चीख-पुकार सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके की ओर दौड़े। ग्रामीणों की आवाजाही और शोर-शराबा बढ़ता देख भालू जंगल की ओर भाग गया।
घायल को अस्पताल में एडमिट करवाया
घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने घायल मंगल सिंह को उठाकर प्राथमिक उपचार के लिए फाटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां मौजूद चिकित्सकों ने उनका प्राथमिक उपचार किया, लेकिन सिर और जबड़े में गंभीर चोटों को देखते हुए उनकी हालत चिंताजनक बताई। चिकित्सकों ने बेहतर उपचार के लिए उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया। फिलहाल मंगल सिंह का इलाज श्रीनगर में चल रहा है और उनकी स्थिति पर डॉक्टर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
इलाके में भय का माहौल
इस घटना के बाद न्यालसू गांव और आसपास के क्षेत्रों में भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि हाल के दिनों में जंगल से सटे इलाकों में जंगली जानवरों, विशेषकर भालू की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। लोग खेतों और गौशालाओं में जाने से भी डर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में नियमित गश्त कराने और जंगली जानवरों को आबादी से दूर रखने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
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ग्रामीणों का यह भी कहना है कि शाम के समय खेतों और जंगल की ओर जाना अब खतरे से खाली नहीं है। कई बार जंगली जानवरों की मौजूदगी देखी गई है, लेकिन अब सीधे हमले की घटना ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। उन्होंने प्रशासन से प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग की है। घटना की सूचना वन विभाग को दे दी गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाई जा रही है और ग्रामीणों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। विभाग की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे अकेले खेतों या जंगल की ओर न जाएं और किसी भी जंगली जानवर की गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें।