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UP: वसूली के आरोपी दरोगा समेत 4 पुलिसकर्मी, एक साल बाद विभागीय जांच में मिले दोषी, जानिए पूरा मामला

यूपी में दूसरे प्रदेश के वाहनों से वसूली करने के मामले में एक दरोगा और तीन सिपाही विभागीय जांच में दोषी मिले हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
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UP: वसूली के आरोपी दरोगा समेत 4 पुलिसकर्मी, एक साल बाद विभागीय जांच में मिले दोषी, जानिए पूरा मामला

लखनऊ: अयोध्या हाईवे पर दूसरे राज्यों के वाहनों से वसूली करने में फंसे दरोगा समेत चार पुलिसकर्मी विभागीय जांच में दोषी पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट यातायात मुख्यालय भेजी गई है। रिपोर्ट के आधार पर अब दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में न्यूनतम वेतनमान से लेकर बर्खास्तगी तक की सजा दोषियों को मिल सकती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जून 2024 में तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल को शिकायत मिली थी कि अयोध्या हाईवे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी वाहनों से वसूली करते हैं। JPC ने शिकायतों का संज्ञान लेकर दूसरे राज्यों की बसों में पुलिसकर्मी को परिचालक बनाकर सफर कराया और वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों का स्टिंग ऑपरेशन करवा लिया। इससे अवैध काम करने वाले पुलिसकर्मियों की पोल खुल गई।

स्टिंग ऑपरेशन में खुली पोल

स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कमता तिराहे पर यातायात पुलिसकर्मियों ने बसों को रोककर उनसे वसूली की। इस मामले में दरोगा उमेश सिंह, सिपाही शुभम कुमार, विवेक विशाल दुबे और सचिन कुमार पर विभूतिखंड थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। विभागीय जांच ADCP ट्रैफिक को दी गई थी। जिसमें सभी आरोपी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं।

JPC अग्रवाल ने बिछाया जाल

जांच में दोषी मिले पुलिसकर्मियों को पकड़ने का पूरा जाल JPC उपेंद्र अग्रवाल ने बिछाया गया था। एक पुलिसकर्मी को ऑडियो रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें आरोपी पुलिसकर्मी वसूली करते सुनाई भी दे रहे थे। जांच में ऑडियो रिकॉर्डिंग को आधार बनाकर बेहद पुख्ता सुबूत के तौर पर शामिल किया गया है। यह एक ऐसे सबूत के तौर पर था जिसको झूठला पाना आरोपियों के लिए मुश्किल था।

केस दर्ज हुआ गिरफ्तारी नहीं

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत वसूली करने वाले आरोपी पुलिसकर्मियों पर स्टिंग के बाद केस दर्ज किया गया था, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई थी। इतना ही नहीं JPC उपेंद्र अग्रवाल का तबादला होने के बाद इस मामले को दबाने की कोशिश होती रही। मगर करीब एक साल बाद अब ADCP ट्रैफिक की विभागीय जांच में दरोगा उमेश सिंह, सिपाही शुभम कुमार, विवेक विशाल दुबे और सचिन कुमार पर लगे वसूली के आरोप सही साबित हुए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है।

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