Site icon Hindi Dynamite News

Maharajganj News: संचारी रोग से बचाव के लिए सीएचसी डॉ प्रभारी ने संक्रमण के बचाव के दिए ये टीप्स, पढ़ें पूरी खबर

स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक से 31 जुलाई तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण व दस से 31 जुलाई तक हर घर दस्तक अभियान शुरू हो गया है। जानें बचाव के पूरे टिप्स
Published:
Maharajganj News: संचारी रोग से बचाव के लिए सीएचसी डॉ प्रभारी ने संक्रमण के बचाव के दिए ये टीप्स, पढ़ें पूरी खबर

सिसवा: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक से 31 जुलाई तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण व दस से 31 जुलाई तक हर घर दस्तक अभियान शुरू हो गया है। जिसके तहत हर सीएचसी व पीएचसी केंद्रों से रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, संचारी रोग के बचाव को लेकर सिसवा कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ ईश्वरचंद विद्यासागर ने डाइनामाइट न्यूज के बाचतीत में कहा कि वर्तमान समय में संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित है। गुरुवार 11 जुलाई से दस्तक अभियान की शुरुआत हो जाएगी। और इस दस्तक अभियान में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मुख्य जिम्मेदारी निभाएंगी। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर डेगूं, मलेरिया, फाइलेरिया, दिमागी बुखार, क्षय रोग, कुष्ठ रोग आदि के मरीजों को चिह्नित करेंगी। अस्पताल पर सभी प्रकार के दवाएं उपलब्ध है।

बच्चों को बुखार होने पर तुरंत पहुंचे अस्पताल

किसी भी प्रकार का बुखार दिमागी बुखार में बहुत जल्द तब्दील हो जाता है। इसलिए बुखार को गंभीरता से ले। और झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में कतई न फंसें और तत्काल सरकारी अस्पताल जाकर चिकित्सक को दिखाएं। जिससे बच्चों का सही इलाज किया जा सके।

आखिर क्या है दिमागी बुखार?

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, स्क्रब टाइफस जैसा कोई भी बुखार समय पर इलाज न किए जाने पर दिमागी बुखार में तब्दील हो सकता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि हर बुखार के मरीज को दिमागी बुखार होने की आशंका रहती है। इसके बचाव के लिए जरूरी है कि बुखार आने पर बगैर समय बर्बाद करे मरीज को सरकारी अस्पताल में ही ले जाएं। इधर-उधर इलाज के लिए भटकने पर मरीज की हालत गंभीर हो सकती है।

संचारी रोग से कैसे करे बचाव

संचारी रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, कालाजार, जापानी इंसेफेलाइटिस आदि से बचाव के लिए जरूरी है कि घर के आसपास सफाई रखें। और पानी जमा न होने दें मच्छरों से बचाव के इंतजाम करें। जबकि पानी उबालकर या फिल्टर करने के बाद ही पीएं। भोजन बनाने व करने से पहले साबुन से हाथ अच्छे से साफ करे। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए संतुलित आहार दें। कुपोषित बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। स्क्रब टाइफस बीमारी जो कि चूहों व छंछूदर की त्वचा पर पलने वाले चिगर कीड़े के संपर्क में आने से होती है, इससे बचाव के लिए घरों में चूहे न आने दें।

Exit mobile version