Maharajganj: मंगलवार की अलसुबह जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्यदेव की लालिमा दिखाई दी, वैसे ही घाटों पर खड़ी व्रती महिलाओं के चेहरे भक्ति और संतोष से दमक उठे। छठ महापर्व के अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रती महिलाओं ने अपने परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की। जल में खड़ी महिलाओं ने परंपरा अनुसार भगवान सूर्य को दूध, जल और प्रसाद चढ़ाया।
इस दौरान जनपद के जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा सपरिवार नगर के बलिया नाला छठ घाट पर पहुंच कर दर्शन किए।
घाटों पर छठ मैया के गीत और जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही घाटों पर उमड़ पड़ी थी। महिलाएं साड़ी में सजी-धजी, सिर पर पूजा की टोकरी लिए जब घाटों की ओर बढ़ीं, तो दृश्य अत्यंत मनमोहक था।
सूर्योदय के साथ ही व्रती महिलाओं ने अर्घ्य देकर अपने चार दिवसीय व्रत का समापन किया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने माता छठ का प्रसाद ग्रहण किया और परिवार तथा समाज के कल्याण की कामना की। घाटों पर प्रसाद वितरण, बच्चों की हंसी और श्रद्धा के गीतों से माहौल भक्तिमय बन गया।
इस दौरान समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों ने श्रद्धालुओं को चाय, नाश्ता और जल वितरित कर सराहनीय सेवा कार्य किया। जगह-जगह नगर निकायों द्वारा सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा की बेहतरीन व्यवस्था की गई थी।
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा और पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने भी देर रात और अलसुबह कई घाटों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। अधिकारियों ने संबंधित विभागों को सतर्क और मुस्तैद रहने के निर्देश दिए, जिससे पूरा पर्व शांति और सौहार्द के वातावरण में सम्पन्न हुआ।
छठ पर्व के समापन के साथ ही जनपद का माहौल उल्लास और भक्ति से भर गया। लोगों ने कहा कि छठ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मसंयम और आस्था का अनोखा उत्सव है जो समाज को एकता और शुद्धता का संदेश देता है।

