Sonbhadra: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोनभद्र के ज्येष्ठ खनन अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह का तबादला कर दिया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से झांसी का ज्येष्ठ खनन अधिकारी नियुक्त किया गया है। शैलेंद्र कुमार सिंह पर खनन क्षेत्र में एक पक्षीय की गई कार्रवाइयों को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शैलेंद्र कुमार सिंह पर अवैध खनन और भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे थे। वह सोनभद्र में लगभग एक वर्ष से तैनात थे। उनके स्थान पर अब कमल कश्यप को सोनभद्र का ज्येष्ठ खनन अधिकारी बनाया गया है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या तबादला करने से मात्र जिले में अवैध खनन और परिवहन रूक जाएगा या फिर MM 11 का भारी पैमाने पर दुरूपयोग पर अंकुश लग पाएगा।
शैलेंद्र सिंह पटेल खनन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने 2008 में चित्रकूट जिले में खनन अधिकारी के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत की थी। इसके बाद उनकी तैनाती बांदा, हमीरपुर और सोनभद्र जैसे महत्वपूर्ण जिलों में रही है। सोनभद्र में तैनाती के दौरान उनपर कई गंभीर आरोप भी लग चुके हैं।
दीवाली के दूसरे दिन तबादला
सोनभद्र के खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह का दिवाली के दूसरे दिन ही यानी मंगलवार को तबादला कर दिया गया है। उन्हें झांसी जिले का खनन अधिकारी नियुक्त किया गया है। सरकार ने कमल कश्यप को सोनभद्र जिले का नया खनन अधिकारी नियुक्त किया है। उधर खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह का तबादला होने के बाद से वो चर्चाओं में आ गए हैं।
विवादों में घिरे अधिकारी
जानकारी के मुताबिक, भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे शैलेंद्र सिंह पटेल की तैनाती जहां-जहां रही, वहीं भ्रष्टाचार के आरोप लगे। चित्रकूट, बांदा और सोनभद्र तीनों जिलों में खनन से जुड़े विवादों में उनका नाम उछलता रहा है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि उनकी पोस्टिंग अक्सर उन जिलों में की गई जहां खनन का कारोबार बड़ा और प्रभावशाली है। जुलाई महीने में शैलेंद्र सिंह पटेल पर गंभीर आरोप लगाने वाले श्याम मिश्रा और प्रभव दुबे ने सीएम योगी से मिलकर इस मामले में शिकायत करने की भी बात कही थी।
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सामाजिक संगठन शाश्वत मंच के अध्यक्ष श्याम मिश्रा और सामाजिक कार्यकर्ता प्रभव दुबे ने उन पर 300 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा चुके है। शिकायतकर्ताओं का दावा है कि अधिकारी ने सरकारी सेवा के दौरान अपने वेतन से कई गुना अधिक संपत्ति अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर खड़ी की है। उनके मुताबिक, 2008 में शैलेंद्र सिंह के परिवार के पास केवल 25 एकड़ जमीन और एक कच्चा मकान था।
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हालांकि खनन अधिकारी के तबादले से खनन व्यवसाईयों को फिर से एक बार नई रणनीति बनाने पर विवश होना पड़ेगा। अधिकारियों से हर किसी का करीबी संबंध होना बहुत आसान नहीं होता।
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