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निशाने पर थे वेस्ट यूपी के हजारों युवा, मेरठ पुलिस ने बचाई जान, एक करोड़ रुपये…

मेरठ पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है, जिसकी वजह से हजारों युवाओं की जान बच गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Mayank Tawer
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निशाने पर थे वेस्ट यूपी के हजारों युवा, मेरठ पुलिस ने बचाई जान, एक करोड़ रुपये…

मेरठ: जिले के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में शनिवार को पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) की संयुक्त कार्रवाई में नशे का एक बड़ा रैकेट उजागर हुआ है। बरेली निवासी सत्येंद्र नामक तस्कर को करीब एक करोड़ रुपये की चरस के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोपी वेस्ट यूपी के कई जिलों में नशे की यह खेप सप्लाई करने जा रहा था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, पुलिस को पहले से ही सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति गाजियाबाद नंबर की कार में भारी मात्रा में नशा लेकर मेरठ की ओर आ रहा है। सूचना मिलते ही कंकरखेड़ा पुलिस और एएनटीएफ यूनिट ने अलर्ट जारी किया और इलाके की नाकाबंदी कर दी।

एक करोड़ का माल मिला

कुछ देर बाद बताई गई कार जब इलाके में नजर आई तो टीम ने घेराबंदी कर गाड़ी को रोका और तलाशी ली। तलाशी के दौरान कार की सीटों के नीचे और बैग में छिपाकर रखी गई भारी मात्रा में चरस बरामद हुई। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग एक करोड़ रुपये आंकी जा रही है।

आपराधिक इतिहास भी खुला

गिरफ्तार आरोपी की पहचान सत्येंद्र निवासी बरेली के रूप में हुई है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह नशे की खेप वेस्ट यूपी के अलग-अलग जिलों में सप्लाई करने वाला था। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि सत्येंद्र कोई नया खिलाड़ी नहीं है, बल्कि इससे पहले भी वह तीन बार जेल जा चुका है। उसके खिलाफ मेरठ के मेडिकल और लालकुर्ती थानों में दर्ज आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस मान रही है कि वह लंबे समय से नशे के कारोबार में सक्रिय है। इसके पीछे किसी बड़े नेटवर्क या गिरोह की भूमिका भी हो सकती है।

अब जानिए, पुलिस ने क्या कहा?

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपी एक पुराना अपराधी है, जो लंबे समय से नशे के धंधे में लिप्त रहा है। वह चरस की खेप बरेली से लेकर आया था और वेस्ट यूपी में इसे सप्लाई करने की योजना थी। समय रहते आरोपी को दबोच लिया गया, जिससे एक बड़ा नेटवर्क ध्वस्त हुआ है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सत्येंद्र किन लोगों को चरस सप्लाई करता था और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। टीम यह भी जांच कर रही है कि क्या इसके तार अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े हैं।

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