Saharanpur: सहारनपुर के शेखपुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक टायर फैक्ट्री में रविवार शाम को भीषण धमाका हो गया। बॉयलर में वेल्डिंग के दौरान भयंकर धमाका हो गया जिसमें दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पांच मजदूर बुरी तरह से झुलस गए। घायलों को नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया।
हादसा देहात कोतवाली क्षेत्र के शेखपुरा कदीम इलाके में हुआ।
जानकारी के अनुसार, वेल्डिंग कार्य के दौरान फैक्ट्री के बॉयलर में अचानक विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि फैक्ट्री परिसर से काले धुएं का गुबार उठने लगा।आसपास के इलाके में दहशत फैल गई।
घटना के समय फैक्ट्री में सात मजदूर काम कर रहे थे। दो मजदूर गंभीर रूप से झुलसकर मौके पर ही दम तोड़ बैठे, जबकि अन्य पांच मजदूरों को पुलिस और फायर ब्रिगेड की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
कैसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार फैक्ट्री में उस समय करीब 10 से 12 मजदूर काम कर रहे थे। अचानक बॉयलर से तेज आवाज के साथ धमाका हुआ और तेल के टैंक में आग फैल गई। कुछ मजदूर समय रहते बाहर निकल गए, लेकिन कई अंदर फंस गए। आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। आसपास के लोग जब फैक्ट्री की ओर दौड़े, तो वहां लपटें आसमान छू रही थीं।
बताया जा रहा है कि जिस फैक्ट्री में यह हादसा हुआ, उसका उद्घाटन अभी 19 अक्टूबर को ही किया गया था, जिसमें औद्योगिक विकास मंत्री जसवंत सैनी और आचार्य प्रमोद कृष्णन जैसे प्रमुख लोग शामिल हुए थे। हादसे के बाद फैक्ट्री में लगी आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां आग बुझाने में लगीं और लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
पुलिस की कार्रवाई
एसपी सिटी ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया था। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जबकि घायलों का सरकारी अस्पताल में इलाज जारी है।
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि बॉयलर में दबाव अधिक बढ़ने या तकनीकी खराबी के कारण विस्फोट हुआ। प्रशासन ने हादसे के कारणों की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
घटना के बाद पुलिस ने फैक्ट्री को सील कर दिया है और औद्योगिक सुरक्षा मानकों की जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद और मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने जिले में औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

