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विश्व रक्तदान दिवस पर एनटीपीसी सहित अन्य जगहों पर हुआ रक्तदान कार्यक्रम

आज विश्व रक्तदान दिवस पर रायबरेली के विभिन्न स्थानो पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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विश्व रक्तदान दिवस पर एनटीपीसी सहित अन्य जगहों पर हुआ रक्तदान कार्यक्रम

रायबरेली: रक्तदान एक तरह से संजीवनी बूटी है जिससे किसी की भी जान बचाई जा सकती है। यह बात आज विश्व रक्तदान दिवस पर एनटीपीसी ऊंचाहार में आयोजित रक्तदान शिविर के उद्घाटन अवसर पर कार्यकारी निदेशक अभय कुमार श्रीवास्तव तथा प्रियदर्शिनी लेडीज क्लब की अध्यक्षा अनुपमा श्रीवास्तव ने व्यक्त किए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ऊंचाहार परियोजना में जीवन ज्योति चिकित्सालय के सौजन्य से तथा एम्स रायबरेली के सहयोग से रक्तदान शिविर लगाया गया। इस शिविर में एनटीपीसी तथा सीआईएसएफ के अधिकारियों व कर्मचारियों ने रक्तदान किया। विशेष बात यह रही कि प्रियदर्शिनी लेडीज क्लब की अध्यक्षा अनुपमा श्रीवास्तव तथा मानव संसाधन प्रमुख रूमा दे शर्मा ने भी रक्तदान किया।

परियोजना प्रमुख अभय कुमार श्रीवास्तव ने रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा उनकी सराहना की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु सिंह ने सभी का स्वागत किया। रक्तदान शिविर में महाप्रबंधक अनुरक्षण एवं प्रचालन आशुतोष विश्वास, प्रियदर्शिनी लेडीज क्लब की उपाध्यक्ष झुमिता विश्वास, यूनियन एवं एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं महासचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी, सी आई एस एफ के अधिकारी डॉक्टर्स, तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस रक्तदान शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया। रक्तदान करने वालों में स्थानीय अधिकारी, कर्मचारी, सीआईएसएफ के जवान थे।

इस मौके पर मानव संसाधन अधिकारी रूमा डे शर्मा, सीआईएसएफ ए सी, एमएस कंडारी, जीवन ज्योति हॉस्पिटल्स के सीएमओ डॉ मधु सिंह, एजीएम एनवायरमेंट प्रीति सिन्हा, आज्ञा शरण सिंह, शुभम शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

वहीं जनपद के महराजगंज में भी विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक घटना सामने आई। समाजसेवी पंकज श्रीवास्तव ने शनिवार को जिला चिकित्सालय में अपनी 20वीं बार रक्तदान किया।

पंकज श्रीवास्तव केवल रक्तदान दिवस पर ही नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की आवश्यकता के अनुसार कई बार रक्तदान कर चुके हैं। उनका मानना है कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं होता। यही कारण है कि इसे महादान की संज्ञा दी गई है।

श्रीवास्तव ने बताया कि रक्तदान करने से उन्हें असीम आनंद की अनुभूति होती है। वे निरंतर जनसेवा के कार्यों में संलग्न रहते हैं। उन्होंने अपने मित्रों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया है। उनकी इस पहल में कई मित्र भी सक्रिय रूप से भागीदारी कर रहे हैं।

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