Barabanki: उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को सरयू नदी (घाघरा) के दाएं तट पर स्थित बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ राज्य मंत्री, खाद्य एवं रसद, सतीश चन्द्र शर्मा भी मौजूद रहे। दोनों मंत्रियों ने बाराबंकी जिले के ग्राम कोठरी गौरया, ब्लॉक पूरे डालई, तहसील सिरौली गौसपुर में चल रही बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, निरीक्षण के दौरान मंत्री द्वय नाव के माध्यम से सरयू नदी के किनारे-किनारे पहुंचे और वहां चल रही तटबंध परियोजनाओं का बारीकी से अवलोकन किया। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि कटान से प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू किया जाए और जहां आवश्यक हो, वहां बाढ़ के बाद स्थायी परियोजनाएं भी तैयार की जाएं।
यह निरीक्षण मुख्य अभियंता, शारदा सहायक, अधीक्षण अभियंता, अयोध्या मंडल, और अधिशासी अभियंता, बाढ़ कार्य खंड बाराबंकी की उपस्थिति में किया गया। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि वर्तमान में जिन स्थानों पर परियोजनाएं चल रही हैं, वहां कटान की स्थिति नियंत्रण में है और कार्य सुचारु रूप से चल रहा है।
हालांकि, निरीक्षण के दौरान यह बात भी सामने आई कि ग्राम सूबेदार पुरवा और कोठरी जैसे स्थानों पर अभी भी तट कटान की आशंका बनी हुई है। इस पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वहां फ्लड फाइटिंग कार्यों को तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए, ताकि ग्रामीणों को किसी भी संभावित आपदा से बचाया जा सके।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि सरयू नदी के किनारे बसे गांवों को हर साल आने वाली बाढ़ और तट कटान से सुरक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे समय-समय पर परियोजनाओं की निगरानी करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्य मंत्री सतीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकार बाढ़ प्रबंधन को प्राथमिकता पर रख रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जहां आवश्यकता होगी, वहां और परियोजनाएं स्वीकृत की जाएंगी। स्थानीय ग्रामीणों ने भी मंत्रियों की उपस्थिति पर संतोष जताया और उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से हर साल आने वाली बाढ़ की परेशानी से राहत मिलेगी।