रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पयामे इंसानियत फोरम ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए रायबरेली जिला कारागार में बंद दो कैदियों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये दोनों कैदी पिछले कई वर्षों से सिर्फ इसलिए जेल में बंद थे क्योंकि वे अपने ऊपर लगाए गए अर्थदंड का भुगतान करने में असमर्थ थे।
कैदी आर्थिक तंगी के कारण जेल से बाहर नहीं
जानकारी के अनुसार फोरम के सदस्यों ने जब यह जानकारी प्राप्त की कि कैदी आर्थिक तंगी के कारण जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं, तो उन्होंने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया। पयामे इंसानियत फोरम की ओर से अर्थदंड की पूरी राशि जमा किए जाने के बाद सोमवार को दोनों कैदियों को रिहा कर दिया गया। रिहाई पाने वालों में सरेनी निवासी दीपू मिश्रा और महाराजगंज थाना क्षेत्र के दुखी राम शामिल हैं।
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केवल पीड़ितों को न्याय…
जेल से बाहर आने के बाद दोनों कैदियों और उनके परिवारों ने पयामे इंसानियत फोरम का आभार व्यक्त किया। अपर जिला जज और जेल प्रशासन ने भी इस मानवीय पहल की सराहना करते हुए कहा कि पयामे इंसानियत फोरम ने समाज के सामने एक अनूठी मिसाल पेश की है। इस तरह के प्रयासों से न केवल पीड़ितों को न्याय मिलता है, बल्कि समाज में मानवता और करुणा का संदेश भी जाता है। इस रिहाई के बाद जेल प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि आगे भी ऐसे संगठन जरूरतमंद कैदियों की मदद कर उन्हें नई जिंदगी जीने का मौका देंगे।
कटहल और नींबू के वृक्षों का रोपण
जिला कारागार रायबरेली में ऑल इंडिया पयाम-ए-इंसानियत फोरम के माध्यम से कारागार में निरुद्ध जुर्माने के एवज में सजा काट रहे बंदीगण दीपू मिश्रा पुत्र मोती मिश्रा व दुःखी पुत्र रेवती का जुर्माना 15000 रुपया जमा कर कारागार से मुक्त कराया गया । इस अवसर पर संस्था द्वारा माननीय अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुपम शौर्य की उपस्थिति में कारागार प्रांगण में कटहल और नींबू के वृक्षों का रोपण कराया गया । कार्यक्रम के दौरान जेल अधीक्षक प्रभात सिंह, जेलर हिमांशु रौतेला एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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