Gorakhpur: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में शुक्रवार का दिन अभूतपूर्व तनाव और विरोध प्रदर्शन का गवाह बना। लंबे समय से प्रैक्टिकल लैब की मांग कर रहे छात्रों का धैर्य आज जवाब दे गया और उन्होंने विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते पूरा विभाग छात्र नारों, पोस्टरों और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आंदोलन स्थल में बदल गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सुबह से ही छात्र विभाग के बाहर जमा होकर ‘लैब दो, हक़ दो’, ‘VC आए बिना नहीं उठेंगे’ जैसे नारे लगा रहे थे। उनका साफ कहना था कि पत्रकारिता की पढ़ाई बिना प्रैक्टिकल के नहीं हो सकती, लेकिन विभाग उन्हें सिर्फ वादों पर टालता आ रहा है। छात्रों ने आरोप लगाया कि रिकॉर्डिंग स्टूडियो को ही लैब कहकर दिखा दिया जाता है, जबकि उन्हें अंदर जाने या प्रैक्टिकल करने की अनुमति ही नहीं मिलती।
छात्रों का कहना था कि “हमें लैब के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिला। इंटरनेट नहीं, सिस्टम नहीं, रिकॉर्डिंग का कोई मौका नहीं। आखिर पत्रकारिता की पढ़ाई कैसे होगी?”
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HOD का सफाई भरा बयान
हिंदी एवं पत्रकारिता विभाग की HOD से जब छात्रों ने सवाल किया, तो उन्होंने कहा, “वह स्टूडियो है, लैब नहीं। बच्चों को वहां ले जाया ही नहीं जा सकता। संसाधन सीमित हैं, हम क्या कराएं?” इस बयान ने छात्रों का गुस्सा और बढ़ा दिया।
VC पूनम टंडन ने दी सफाई
वहीं कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने छात्रों के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि “स्टूडियो डेढ़ साल पहले तैयार हो चुका है। यह वर्ल्ड क्लास सुविधाओं वाला सेटअप है। हमने शिक्षकों को कई बार प्रशिक्षण और प्रैक्टिकल सेशन कराने के निर्देश दिए, लेकिन कोई भी शिक्षक छात्रों को स्टूडियो लेकर नहीं गया।” जब मीडिया उनके पक्ष के लिए पहुंचा, तो VC ने कोई जवाब न देते हुए पूरा मामला पीआरओ महेंद्र सिंह पर डाल दिया। लेकिन महेंद्र सिंह ने भी कहा “हम कोई बाइट नहीं देंगे।” इस रवैये ने छात्रों में रोष और बढ़ा दिया।
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नुक्कड़ नाटक से प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया
धरने के दौरान छात्रों ने ‘फर्जी लैब’ के मुद्दे को उजागर करते हुए नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही को दिखाया गया। विभाग में छात्रों की आवाज़ घंटों गूंजती रही और पूरे कैंपस का ध्यान आंदोलन पर टिक गया।
पूरा कैंपस तनाव में
हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि अन्य विभागों के छात्र भी स्थिति देखने पहुंचे। पत्रकारिता विभाग के छात्रों ने साफ कहा, “जब तक VC हमारे बीच आकर समाधान नहीं देंगी, हम उठेंगे नहीं।”

